
dil ki bimari ke lakshan Dil kamjor hone ke lakshan: दिल की बीमारी के लक्षण
Dil Kamjor Hone Ke Lakshan: एक रिसर्च फाउंडेशन चलाने वाले बीएएमएस डॉ. राकेश अग्रवाल के अनुसार दिल एक पोस्ट ऑफिस की तरह काम करता है। इसमें शरीर के विभिन्न भागों से कम ऑक्सीजन और पोषक तत्व वाला नीला खून आता है, ऊपर और नीचे वाली दो नलिकाओं से दाहिनी ओरे के ऊपर वाले कोष्ठ (राइट एटेरियम) में प्रवेश करता है। वहां से यह खून तीन पल्ले वाले ट्राई कस्पिड वॉल्व से दाहिनी ओर के निचले कोष्ठ (राइट वेन्ट्रिकिल) में प्रवेश करता है।
यह काम ज्यादा मात्रा में खून के सही सर्कुलेशन से पूरा होता है और इसमें कोई गड़बड़ी होती है जैसे खून गाढ़ा हो जाए या दिल की धमनियां और दीवारें संकीर्ण हो जाएं तो दिल पर अधिक दबाव पड़ने लगता है। इससे दिल बीमार होने लगता है और कुछ सिग्नल देता है। आइये जानते हैं बीमार दिल क्या सिग्नल देता है और कैसे इसे सेहतमंद रखें ..
1.40 से 45 की उम्र के बाद यदि हार्टबीट अनियमित हो रही है तो यह दिल से संबंधित बीमारी का संकेत हो सकता है। हालांकि ऐसी स्थिति में भी घबराने की जगह किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
2. जब हार्ट बीट 70-75 से घटकर 30-35 के बीच हो जाए और खड़े होने, चलने फिरने पर चक्कर आए, बेहोशी का दौरा पड़े, हाथ पैर और मुंह में फड़कन सी होने लगे यानी ये कंपकंपाने लगे तो हार्ट का चेकअप कराना चाहिए।
3. 40 से 45 की उम्र के बाद बाहों या कमर के हिस्से से दर्द उठते हुए हृदय तक जाना, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, थोड़ा चलते हुए या बात करते हुए सांस फूलना, सीने में सूई चुभने के समान दर्द होना, दिल की बीमारी यानी हृदय रोग का संकेत हो सकता है।
नोटः यदि आपके परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डायबिटीज, मोटापा, थायराइड या हृदय संबंधित रोगों का इतिहास है और आपकी उम्र 35 वर्ष से अधिक है तो आपको अपने दिल की निगरानी करनी चाहिए और 3 से 6 माह में चेकअप कराते रहना चाहिए।
डॉ. राकेश अग्रवाल के अनुसार आलस्यपूर्ण जीवनशैली से तौबाकर काफी हद तक दिल को सेहतमंद रखा जा सकता है। इसके लिए मोटापा, तनाव, बढ़ते ब्लडप्रेशर, हाईकोलेस्ट्रॉल, वसायुक्त भोजन, रिफाइंड तेल के भोजन में प्रयोस से दूर होना होगा। इसके अलावा चीज, बटर, मेयोनीज, फास्टफूड, जंकफूड, चाट पकौड़े का अधिक सेवन, वसायुक्त भोजन, अधिक चीनी, मावा, मैदा वाला भोजन, वनस्पति घी आदि से भी दूरी बनानी होगी।
इसके अलावा शराब, नशा, धूम्रपान से दूर रहकर आप दिल को सेहतमंद रख सकते हैं। इसके अलावा ज्यादा ठंडा या ज्यादा गर्म वातावरण , ऐसा कोई काम न करें जिससे दुख, भय हो या पछताना पड़े आदि से भी दूर रहकर आप दिल को सेहतमंद रख सकते हैं। इसके अलाव छींक, ऊंघाई, आंसू, मलमूत्र आदि को न रोकें।
डॉक्टर अग्रवाल के अनुसार सीने का हर दर्द हार्ट अटैक का लक्षण नहीं होता है। यदि आपकी छाती के बीच में या आपकी बाहों, कमर के ऊपरी हिस्से में, जबड़े, गरदन या पेट के ऊपरी हिस्से में 5 मिनट से ज्यादा नए तरह का दर्द हो , साथ ही जी घबड़ाए, थकान या चक्कर आने जैसे लक्षण हों तो यह हार्ट अटैक का संकेत होता है।
नोटः सीने में क्षणिक दर्द या सूई की चुभन जैसा दर्द गैस या भारी भोजन से भी हो सकता है, लेकिन सीने में दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
डॉ. अग्रवाल के अनुसार ताड़ासन, पद्मासन, वज्रासन, शलबासन, मेरूदंडासन, नाड़ीशोधन, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, शिथिलासन, योगमुद्रासन, मकरासन, उष्ट्रासन आदि आपके दिल को स्वस्थ रख सकते हैं।
Published on:
09 May 2025 08:25 pm
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