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FSSAI Tea Alert: चाय पीने वालों के लिए अपडेट, हर्बल और ग्रीन टी नहीं मानी जाएंगी असली चाय

FSSAI Tea Alert: फूड सेफ्टी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने चाय की परिभाषा में बड़ा बदलाव किया है। अब हर्बल और ग्रीन टी को असली चाय नहीं माना जाएगा और ये नए नियमों के तहत अलग नामों से पहचानी जाएंगी। चाय प्रेमियों के लिए यह अपडेट बेहद जरूरी है, ताकि वे सही जानकारी के साथ […]

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भारत

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MEGHA ROY

Dec 26, 2025

Food Safety News India, FSSAI latest update, Health drink naming rules,

FSSAI Food Rules 2025|फोटो सोर्स –Gemini

FSSAI Tea Alert: फूड सेफ्टी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने चाय की परिभाषा में बड़ा बदलाव किया है। अब हर्बल और ग्रीन टी को असली चाय नहीं माना जाएगा और ये नए नियमों के तहत अलग नामों से पहचानी जाएंगी। चाय प्रेमियों के लिए यह अपडेट बेहद जरूरी है, ताकि वे सही जानकारी के साथ अपने पसंदीदा पेय का चयन कर सकें।

असली चाय किसे कहा जाएगा?

FSSAI के वर्ष 2011 के नियमों के अनुसार, केवल वही पेय पदार्थ ‘चाय’ की श्रेणी में आते हैं जो Camellia sinensis पौधे से तैयार किए गए हों। इसमें काली चाय, ग्रीन टी, कांगड़ा चाय और ठोस रूप में मिलने वाली इंस्टेंट टी शामिल हैं। साफ शब्दों में कहें तो जिन पेयों में इस पौधे की पत्तियां नहीं होतीं और जो केवल फूलों, जड़ी-बूटियों या मसालों से बनाए जाते हैं, उन्हें ‘चाय’ कहना सही नहीं माना जाता।

‘हर्बल टी’ कहना क्यों गलत?

FSSAI के अनुसार, जड़ी-बूटियों या फूलों से बने पेय असल में इन्फ्यूजन (Infusion) होते हैं, न कि चाय। ऐसे उत्पादों को ‘हर्बल टी’ या ‘फ्लावर टी’ कहना मिसब्रांडिंग की श्रेणी में आता है।लेबलिंग नियम साफ कहते हैं कि पैकेट पर वही नाम लिखा जाना चाहिए जो उत्पाद की वास्तविक प्रकृति को दर्शाए।

चाय के नए पैरामीटर एक नजर में

इस स्पष्टीकरण के बाद ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और चाय व हेल्थ ड्रिंक बनाने वाली सभी कंपनियों को अपने उत्पादों के नाम और लेबल में बदलाव करना होगा। अब कोई भी कंपनी अपने हर्बल ड्रिंक को ‘हर्बल टी’ के नाम से नहीं बेच सकेगी। इसके बजाय इन्हें ‘हर्बल इन्फ्यूजन’, ‘फ्लावर इन्फ्यूजन’ या संबंधित पौधे के नाम से बेचना होगा। FSSAI के अनुसार, ऐसे उत्पाद ‘प्रोप्रायटरी फूड’ की श्रेणी में आ सकते हैं, लेकिन इन्हें चाय के मानक लेबल के अंतर्गत शामिल नहीं किया जा सकता।

ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?

इस कदम का मकसद साफ है उपभोक्ताओं को भ्रम से बचाना। अब ग्राहक यह समझ पाएंगे कि वे असली चाय खरीद रहे हैं या सिर्फ किसी पौधे का अर्क।यह फैसला हमें यह भी सिखाता है कि आकर्षक विज्ञापनों के बजाय पैकेट पर लिखी तकनीकी जानकारी को पढ़ना ज्यादा जरूरी है।

नियम तोड़े तो कार्रवाई तय

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बाजार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी रखें। यदि कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करती है, तो उसके खिलाफ Food Safety and Standards Act, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें भारी जुर्माना या लाइसेंस रद्द होना शामिल है।