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Healthy Thali: क्या आपकी थाली में हैं ये 6 जरूरी स्वाद? जानें Ministry of AYUSH का सुझाव

Healthy Thali: Ministry of AYUSH का मानना है कि खाना सिर्फ भूख मिटाने का जरिया नहीं, बल्कि शरीर और मन को संतुलित रखने में मदद करता है और इसके लिए जरूरी है भोजन में शामिल हों ये 6 प्राकृतिक स्वाद। आइए जानते हैं इन छह स्वादों के फायदे।

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भारत

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MEGHA ROY

Aug 05, 2025

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6 essential tastes in Ayurveda फोटो सोर्स – Freepik

Healthy Thali: हम रोजाना जो खाना खाते हैं, उसे अक्सर पोषण के आधार पर आंका जाता है, जैसे कि उसमें कितनी मात्रा में प्रोटीन, वसा या फाइबर है। लेकिन भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद भोजन को केवल शरीर के लिए नहीं, बल्कि मन और आत्मा के संतुलन के लिए भी जरूरी मानती है। Ministry of AYUSH भी इसी सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए यह सुझाव देती है कि एक संतुलित भोजन केवल पोषक तत्वों से नहीं, बल्कि छह प्रमुख स्वादों से भी पूर्ण होता है, जैसे मधुर (मीठा), अम्ल (खट्टा), लवण (नमकीन), कटु (तीखा), तिक्त (कड़वा) और कषाय (कसैला)। आइए जानते हैं इन छह स्वादों के फायदे।

आयुर्वेद के अनुसार Ministry of AYUSH ने दिन स्वास्थ्य और स्वाद से जुड़ी जानकारी दी है

आयुर्वेद के अनुसार, हर स्वाद का हमारे शरीर पर एक विशेष प्रभाव होता है। कोई पाचन शक्ति को बढ़ाता है तो कोई शरीर को डिटॉक्स करता है, कोई मानसिक स्थिरता लाता है तो कोई ऊर्जावान बनाए रखता है।आयुर्वेद का मानना है कि जब हमारी थाली में ये 6 स्वाद संतुलित मात्रा में मौजूद होते हैं, तो भोजन केवल स्वादिष्ट नहीं, बल्कि औषधीय हो जाता है।

मीठा (मधुर)

मीठा स्वाद सिर्फ जुबान को अच्छा नहीं लगता, बल्कि शरीर को भी मजबूत बनाता है। दूध, फल, चावल, खजूर जैसे नेचुरल मीठे पदार्थ शरीर को ऊर्जा देते हैं और इम्यूनिटी को भी सपोर्ट करते हैं। लेकिन याद रहे जरूरत से ज्यादा मीठा नुकसानदेह भी हो सकता है, खासकर प्रोसेस्ड शुगर।

कसैला (कषाय)

कसैला स्वाद थोड़ा सूखा और सिकोड़ने वाला होता है। कच्चा केला, अनार का छिलका या हरड़ जैसी चीजों में पाया जाता है। ये स्वाद शरीर की सूजन कम करता है और टिशूज को रिपेयर करने में मदद करता है।

नमकीन (लवण)

नमक सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि शरीर में पानी और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। सेंधा नमक, काला नमक या अन्य प्राकृतिक नमक सीमित मात्रा में लेने से शरीर हाइड्रेटेड और पाचन तंदुरुस्त रहता है।

खट्टा (अम्ल)

नींबू, इमली, दही जैसी खट्टी चीजे सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ातीं, बल्कि पाचन को भी दुरुस्त रखती हैं। खट्टे स्वाद से लार बनती है, जो भोजन को पचाने में मदद करती है। ये स्वाद हमारी सोच और मूड को भी एक्टिव करता है।

कड़वा (तिक्त)

अक्सर अनदेखा किया जाने वाला स्वाद कड़वा, शरीर के लिए सबसे जरूरी डिटॉक्स एजेंट होता है। मेथी, करेला, नीम जैसी चीज़े भले ही ज़ुबान को पसंद न आएं, लेकिन खून साफ करने, लिवर हेल्थ और पाचन सुधारने में ये बेहद असरदार हैं।

तीखा (कटु)

लौंग, अदरक, काली मिर्च जैसी तीखी चीज़े शरीर को गर्म रखती हैं और अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मदद करती हैं। तीखा स्वाद हमारी बॉडी को एक्टिव रखता है और थकान दूर करता है लेकिन जरूरत से ज्यादा खाना नुकसान कर सकता है।