
Winter Dinner Timing (Photo- gemini ai)
Winter Dinner Timing: सर्दी शुरू होते ही मौसम में कई बदलाव आने लगते हैं। दिन छोटे होने लगते हैं और रातें लंबी। लेकिन यह बदलाव सिर्फ बाहर नहीं होता, यह हमारे शरीर के अंदर मौजूद 24 घंटे चलने वाली आंतरिक घड़ी (Circadian Rhythm) को भी प्रभावित करता है। यही घड़ी हमारी नींद, हार्मोन संतुलन और मेटाबॉलिज्म (भोजन को ऊर्जा में बदलने की क्षमता) को नियंत्रित करती है।
सर्दियों में जल्दी खाना कोई परंपरा नहीं, यह एक वैज्ञानिक जरूरत है। शाम 7 बजे तक डिनर और दिन में ज्यादतर कैलोरी लेना हमारी सर्कैडियन रिदम के अनुरूप होता है। इससे शरीर बेहतर तरह से काम करता है और स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
जब हम जल्दी खाना खाते हैं, तो शरीर भोजन को उस समय पचाता है जब मेटाबॉलिज्म सबसे सक्रिय होता है। इससे पाचन बेहतर होता है, पेट हल्का रहता है और वसा कम होने में मदद मिलती है। खाना खाने और सोने के बीच 2-3 घंटे का अंतर रखना जरूरी है। इससे पाचन सही से होता है शरीर रात में रिपेयर और हार्मोन बैलेंस जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां करता है और नींद गहरी आती है। जल्दी खाना खाने से सर्कैडियन रिदम संतुलित रहती है। सर्दियों में जब दिन छोटे होते हैं, तब यह आपके मूड को स्थिर और शांत रखने में मदद करती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में अपनी अधिकांश कैलोरी दिन के उजाले में लेना सबसे लाभदायक है। नाश्ता (Breakfast)
सुबह 8:00 से 9:30 बजे के बीच, या उठने के 1-2 घंटे के अंदर। दोपहर का भोजन (Lunch) इसे दिन का सबसे बड़ा भोजन माना जाता है। इसका सही समय 12:30 से 2:00 बजे के बीच। रात का खाना (Dinner) आदर्श समय 5:30 से 7:00 बजे तक
अगर इतना जल्दी संभव न हो, तो सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना जरूर खाएं।
देर से डिनर करना शरीर की आंतरिक घड़ी के खिलाफ काम करना है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं। रात 10 बजे के आसपास खाना खाने वाले लोगों में ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा 20% अधिक पाया गया है। कारण, रात में शरीर ग्लूकोज को प्रभावी तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता। देर से भोजन करने पर शरीर लगभग 10% कम फैट बर्न करता है, जिससे वजन बढ़ता है। मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। सोने के समय भोजन करने पर पाचन और मेलाटोनिन (नींद का हार्मोन) एक-दूसरे से टकराते हैं। परिणाम नींद हल्की, सुबह थकान और दिनभर सुस्ती
अगर आपकी दिनचर्या देर रात तक चलती है या आप देर से उठते हैं, तो समय में थोड़ा लचीलापन ठीक है। लेकिन अगर आप 9 बजे के बाद खाना खाते हैं और सुबह सुस्ती, गैस, भारीपन या पाचन समस्या होती है तो समझ जाइए कि आपके शरीर को डिनर टाइम बदलने की जरूरत है। भोजन का समय तनाव का कारण नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सुधारने का आसान तरीका होना चाहिए।
Published on:
26 Nov 2025 03:19 pm
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