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Premanand Ji Maharaj: नया कपड़ा पहनने से पहले ये करें, प्रेमानंद जी ने बताया

Premanand Ji Maharaj: नया कपड़ा पहनना हर किसी को अच्छा लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे सीधे पहनने से बचना चाहिए? संत प्रेमानंद जी ने अपने प्रवचनों में बताया है कि नया वस्त्र ग्रहण करने से पहले एक विशेष नियम का पालन जरूरी है।

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भारत

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MEGHA ROY

Jul 20, 2025

Sant Premanand Ji advice on clothes

Sant Premanand Ji advice on clothes

Premanand Ji Maharaj: आध्यात्मिक अर्थ रखती हैं। नई चीजे खरीदना, खासकर नए कपड़े पहनना, हमारे लिए उत्साह और प्रसन्नता का क्षण होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बिना शुद्धिकरण और ईश्वर को समर्पण के नए वस्त्र पहनना भी एक तरह की भूल हो सकती है? प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ने इस विषय पर एक अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण शिक्षा दी है, जो न केवल हमारी आस्था को गहरा करती है, बल्कि हमें विनम्र और सतोगुणी भी बनाती है।

नई चीज को सबसे पहले ईश्वर को समर्पित करें

प्रेमानंद जी बताते हैं कि कोई भी वस्तु चाहे वह खाना हो, फल हो, पानी हो या वस्त्र – जब तक उसे भगवान को समर्पित न किया जाए, वह शुद्ध नहीं मानी जाती। हर चीज, जो हमें मिलती है, वह भगवान की कृपा है, इसलिए उसका पहला हिस्सा या उसका उपयोग भी सबसे पहले उन्हीं को समर्पित किया जाना चाहिए।

नए कपड़े पहनने से पहले की प्रक्रिया

संत प्रेमानंद जी की सलाह के अनुसार, जब भी आप नया कपड़ा लाएं, तो सीधे उसे पहनने की बजाय, पहले उस कपड़े को धोएं। कपड़ा बाजार से आने के बाद सिर्फ भौतिक रूप से नया होता है, लेकिन उसका आध्यात्मिक शुद्धिकरण आवश्यक होता है।कपड़ा धोने के बाद, अपने घर में विराजमान ठाकुर जी या भगवान के चरणों में उस वस्त्र को रखें।इसे भगवान को "पट-प्रसाद" के रूप में समर्पित करें।फिर प्रसाद रूप में उस वस्त्र को धारण करें, यानी इसे एक साधारण वस्त्र नहीं बल्कि भगवान की कृपा समझकर पहनें।

देह का अभिमान नष्ट करने की सीख

प्रेमानंद जी का यह संदेश बहुत गहरे अर्थ लिए हुए है। वह कहते हैं कि जब हम कोई भी वस्तु भगवान को समर्पित कर उससे खुद को जोड़ते हैं, तो हमारे भीतर का अहंकार, देहाभिमान और स्वामित्व की भावना स्वतः समाप्त होती है।ऐसा करने से वस्तु में भी सात्विकता आ जाती है और व्यक्ति का मन भी शुद्ध होता है।

सिर्फ परंपरा नहीं, एक जीवनशैली है यह

यह प्रक्रिया केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक सच्ची आध्यात्मिक जीवनशैली का हिस्सा है। जब हम छोटी-छोटी बातों में भी भगवान को शामिल करते हैं, तो हमारा हर कार्य पूजा के समान हो जाता है।

वैज्ञानिक रूप से भी नए कपड़े पहनने से पहले धोना सही

नए कपड़ों पर केमिकल, डाई और फिनिशिंग एजेंट लगे होते हैं, जो स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।इन्हें धोने से हानिकारक रसायन और धूल हट जाते हैं।इसलिए वैज्ञानिक रूप से भी नए कपड़े पहनने से पहले धोना सही माना जाता है।