5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या आपके पेट का स्वास्थ्य आपके मेन्टल हेल्थ को प्रभावित करता है? जानिये यहां

Gut-Brain Connection : क्या आप जानते हैं की हमारे पेट और मस्तिष्क के बीच गहरा सम्बन्ध है। ऐसा सम्बन्ध जो हमरी मेन्टल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ में पब्लिश हुई रिसर्च के अनुसार कमेन्सल गट बैक्टीरिया और ब्रेन के बीच एक ऐसा संबंध है जो न्यूरोडेवलपमेंट, ब्रेन फंक्शन और हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।

2 min read
Google source verification
gut2.jpg

Belly meets Brain: Relationship between Gut Health and Mental Health

Gut Feeling : आपने कभी नोट किया है की जैसे ही आप खाने के बारे में सोचते हैं वैसे ही आपको भूख लगने लगती है। ऐसा इसलिए है क्यूंकि आपके सोचने मात्र से ही आपके स्टमक जुसेस रिलीज होना शुरू को जाते हैं। कई रिसर्च के दौरान यह सामने आया है की हमारे ब्रेन का सीधा प्रभाव पेट और आंतों पर पड़ता है। इतना ही नहीं हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित हुए एक आर्टिकल के मुताबिक एक परेशान आंत ब्रेन को संकेत भेज सकती है, ठीक वैसे ही जैसे एक परेशान ब्रेन आंत को संकेत भेज सकता है। यही कारण है की हमारी पेट या आंतों की तकलीफ हमरे एंग्जायटी , स्ट्रेस , और डिप्रेशन का कारण बन सकती है। यही कारण है जब हम अपसेट या तनाव में होते है तब कहते हैं की पेट में गुड़गुड़ हो रही है या पेट में जलन हो रही है। इसका मतलब यह है की हमारी गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट हमारे इमोशंस, जैसे की गुस्सा, एंग्जायटी इत्यादि को समझती है। ब्रेन में चल रही एंग्जायटी की फीलिंग हमरी आंत में भी ट्रिगर करती है।


हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के उस आर्टिकल में आगे बताया गया है की इंटेस्टाइन और ब्रेन के कनेक्शन से यह समझना आसान हो जाता है कि स्कूल, कॉलेज या वर्क प्लेस पर किसी भी प्रेजेंटेशन से पहले आपको मतली क्यों महसूस होती है, या तनाव के समय में आंतों में दर्द क्यों होता है। हमारी आंत हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर जैसे केमिकल्स के माध्यम से ब्रेन से जुड़ती है जो संदेश भेजते हैं। हेल्दी फूड खाने से हमारी आंत और दिमाग दोनों स्वस्थ रह सकते हैं।


Health Gut, Healthy Mind: एक बैलेंस्ड डाइट और हेल्दी फ़ूड खाने के कई फायदे हैं जिनमे मेन्टल हेल्थ भी है। आपने अक्सर मह्सूस किया होगा की जब कभी आपको मेन्टल स्ट्रेस या एंग्जायटी हुई है तब आपने सीने में जलन, इनडाइजेशन, एसिड रिफ्लक्स, सूजन, दर्द, कब्ज और/या दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रोब्लेम्स का सामना किया है। इसलिए अपनी मेन्टल हेल्थ के लिए भी हमेशा अपनी डाइट का ध्यान रखना जरूरी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार हमें फाइबर रिच प्रीबायोटिक फ़ूड खाना चाहिए। इनमें केले (विशेष रूप से यदि वे काफी पके नहीं हैं), लहसुन, प्याज, टमाटर एप्पल बेरीज और आम शामिल है। इन फूड्स को कच्चे खाना सबसे ज़्यादा फायदेमंद है। किसी कारण कच्चा नहीं खा सकते हैं तो इन्हे स्टीम करके खाएं।

यह भी पढ़ें : क्या आपको रहता है हेडेक? 5 ऐसे कारण जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं