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क्या फैटी एसिड दे सकता है आपकी फिटनेस जर्नी में आपका साथ ? जानिए यहां

Power of Fatty Acids, Weight Loss: फैटी एसिड, खासतौर पर ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाने जाते हैं। साथ ही यह आपके वेट लोस्स प्रोग्राम में भी सहायक हो सकते हैं। फैटी एसिड्स को अगर एक बैलेंस्ड डाइट (Balanced diet) और रेगुलर एक्सरसाइज के साथ अपनी लाइफस्टाइल में शामिल किया जाए तो यह सही मायने में काय पलट साबित होता है। इस आर्टिकल में जानते हैं अलग अलग फैटी एसिड्स के गुण।

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Fatty Acids: The Secret to Achieving Your Weight Loss Goals

Power of Fatty Acids, Weight Loss: अपनी सेहत और बढ़ते वजन को लेकर आज हम में से कई इतने हैं अवेयर हैं कि डाइट चार्ट हमारे जीवन का इम्पोर्टेन्ट हिस्सा बन गया हैं। इसी के चलते हम तरह तरह के हेल्दी फूड्स और सप्लीमेंट्स को अपनी डाइट में शामिल करते हैं। ये वो फूड्स व सुप्प्लिमेंट्स है जो हमें फिट और स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं। फैटी एसिड उन्ही सप्प्लिमेंट्स में से एक हैं। हालांकि फैटी एसिड्स का नाम सुनते ही हेल्थ कॉन्शियस लोगों के बीच आतंक फैल जाता है, परन्तु एक्सपर्ट्स का मानना है कि फैटी एसिड्स न सिर्फ शरीर के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है बल्कि वजन कम करने में भी सहायक हो सकता है।


Monounsaturated Fatty Acids: काजू, सनफ्लावर ऑयल, कैनोला ऑयल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल, बादाम का तेल ऑलिव ऑयल, अवोकेडो आयल, ओटमील और डेयरी प्रोडक्ट्स में मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। ये सभी MUFA के स्रोत हैं। मोनोअनसैचुरेटेड फैट वाले फ़ूड, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) को कम करने मैं मदद करते हैं। इसीलिए ओलिव आयल में बना खाना हेल्दी होता है।

Unsaturated Fatty Acids: सेट्यूरेटेड फैट की तुलना में इसमें कम कैलोरी होती है। ये शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देते है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करते हैं। अनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड्स के दो प्रकार हैं: मोनो अनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड (MUFA) और पॉलीअनसेट्यूरेटेड फैटी एसिड (PUFA)

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Omega-3 or N-3 Fatty Acids:
ओमेगा 3 वह ज़रूरी फैटी एसिड होते हैं जिन्हें भोजन के माध्यम से लेने की आवश्यकता होती है। मछलियों की तरह हम इंसानो को भी ओमेगा 3 फैटी एसिड से बहुत फायदा होता है, बशर्ते इसे उचित मात्रा में और डॉक्टर से परामर्श के बाद लिया जाए। । यह बुरी वसा-यानी बैड फैट को हटाने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के अलावा, मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम वह हृदय के रोग और गठिया (अर्थराइटिस) को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह डिप्रेशन, ड्राई स्किन प्रोब्लेम्स, मूड स्विंग्स से लड़ने में और याददाश्त तेज करने में मददगार हैं। ओमेगा-3 सोयाबीन, टोफू, राजमा, जैतून का तेल में पाया जाता हैं।

Polyunsaturated Fatty Acids (PUFA): पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, ओमेगा-3 (एन-3) फैटी एसिड और ओमेगा-6 (एन-6) फैटी एसिड में विभाजित किया जाता। हांलांकि ओमेगा-6 (एन-6) फैटी एसिड सेहत के लिया अच्छा-बुरा दोनों हो सकता है, लेकिन ओमेगा-3 (एन-3) फैटी एसिड सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।


Eicosapentaenoic Acid (EPA): अगर उचित मात्रा में लिया जाए तो एक्सपेंटाइनोस एसिड, त्वचा रोग और अस्थमा से बचने में मदद करता है। वेजीटेरियन को डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेने चाहिए।

Alpha Linolenic Acid (ALA): अल्फा लिनोलेनिक एसिड मुख्य रूप से अलसी के बीज के साथ-साथ कनोला, अखरोट के तेल में पाया जाता है।

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