
Drinks harmful for children फोटो सोर्स – Freepik
Unhealthy Drinks For Kids: खानपान एक ऐसी चीज है जो अगर बच्चों को सही तरीके से दी जाए, तो वह उनकी सेहत, दिमागी विकास और पढ़ाई (स्वाध्याय) को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। लेकिन आजकल के बच्चे स्वाद और ऊर्जा के लिए कई ऐसे ड्रिंक्स का सेवन करने लगे हैं जिनमें कैफीन और शुगर की मात्रा अत्यधिक होती है। ये ड्रिंक्स बच्चों के लिए धीरे-धीरे खतरे की घंटी बन सकते हैं। ये उनके स्वास्थ्य को अंदर ही अंदर कमजोर कर रहे हैं।
इसलिए माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि कौन-कौन से ड्रिंक्स बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं और क्यों उन्हें इनसे दूर रखना चाहिए।इस लेख में जानिए कि ये 5 ड्रिंक्स कैसे बच्चों के लिए टाइम बम की तरह हैं और इन्हें तुरंत बच्चों की डाइट से क्यों हटाना चाहिए।
कोला में शुगर और कैफीन की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसे पीने से बच्चों का वजन बढ़ सकता है, दांतों की सड़न हो सकती है और उनके नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा, कोला स्लीप साइकिल को भी बिगाड़ सकता है।
डायट कोला में भले ही शुगर कम हो, लेकिन उसमें आर्टिफिशियल स्वीटनर्स डाले जाते हैं, जो बच्चों के पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके सेवन से पोषक तत्वों की कमी, भूख में गिरावट, और मेटाबॉलिज्म के असंतुलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स जैसे Red Bull, Monster आदि में कैफीन, शुगर, और अन्य उत्तेजक तत्व होते हैं जो एडल्ट्स के लिए भी सीमित मात्रा में सुरक्षित माने जाते हैं। लेकिन बच्चों के लिए ये अधिक हानिकारक हो सकते हैं। इन्हें पीने से बच्चों का दिल तेजी से धड़क सकता है, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, और पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Prime जैसे ब्रांड के ड्रिंक्स बच्चों में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं, लेकिन इनका कैफीन और शुगर कंटेंट बहुत ज्यादा होता है। इससे वजन बढ़ना, दांतों की सड़न, और मानसिक अस्थिरता जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। बच्चों में नींद की कमी और स्कूल परफॉर्मेंस में गिरावट देखी जा सकती है।
आजकल के कैफे कल्चर ने बच्चों में भी कैपुचिनो, फ्लेवर कॉफी, और फ्रैपे जैसे पेय का चलन बढ़ा दिया है। लेकिन इनमें मौजूद कैफीन बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट, नींद, और एकाग्रता को सीधे प्रभावित कर सकता है। बच्चों का मूड स्विंग, कमजोरी और तनाव जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
| पेय पदार्थ | कैफीन (मिलीग्राम) | चीनी (ग्राम) |
|---|---|---|
| कोला (भारत) | 22 | 27 |
| डाइट कोला (भारत) | 32 | 0 |
| अधिकांश ऊर्जा पेय | 80 | 27 |
| प्राइम एनर्जी ड्रिंक | 106 | 0 |
| कैपुचिनो | 75 | 10–12 (दूध व शक्कर से) |
FDA के अनुसार, ज्यादातर स्वस्थ एडल्ट्स प्रतिदिन 400mg तक कैफीन का सेवन कर सकते हैं। 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कैफीन की सलाह नहीं दी जाती है। और 12 से 18 साल के बच्चों को प्रतिदिन 100mg से ज्यादा कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।
बच्चों को घर के बने जूस, नारियल पानी, छाछ, या फ्रूट-स्मूदीज़ जैसे हेल्दी विकल्प दें।
उन्हें समझाएं कि हर मीठा और ठंडा ड्रिंक सेहतमंद नहीं होता।
कैफीन और शुगर से भरपूर चीजों को बच्चों की डाइट से सीमित या पूरी तरह बंद करें।
पानी पीने की आदत डालें और खाने में ताजें फल, सब्जियां और हेल्दी स्नैक्स शामिल करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
04 Jun 2025 04:59 pm
Published on:
04 Jun 2025 04:58 pm
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