
Tongue Color
Tongue Color: हमारे शरीर में कई ऐसे संकेत होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बताते हैं। इन्हीं में से एक अहम संकेत हमारी जीभ का रंग भी होता है। आमतौर पर हम अपने शरीर के कई हिस्सों पर ध्यान देते हैं, लेकिन जीभ को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि इसका रंग, बनावट और नमी का स्तर कई बीमारियों की ओर इशारा कर सकते हैं।
अगर आपकी जीभ के रंग में बदलाव दिखता है तो यह आपके शरीर में किसी परेशानी का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं जीभ के अलग-अलग रंगों के पीछे के कारण और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में।
हर इंसान की जीभ एक दूसरे से अलग दिखती है। हेल्दी जीभ की भी कुछ खासियत हैं। हेल्दी जीभ हल्के गुलाबी (पिंक) रंग की होती है, जिसकी सतह पर हल्की सफेद परत (व्हाइटिश कोटिंग) हो सकती है। साथ ही जीभ पर मौजूद छोटे-छोटे पापिले (Papillae) खाने का स्वाद महसूस करने में मदद करते हैं।
अगर आपकी जीभ का रंग गुलाबी की बजाय कुछ और दिख रहा है तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं कौन-से रंग किन बीमारियों की ओर इशारा कर सकते हैं।
जब आपकी जीभ सामान्य पिंक की तरह नहीं दिखें तो यह आपके सेहत को लेकर सतर्क होने की आवश्यकता है। जीभ का रंग (Tongue color) पिंक से यदि किसी भी रंग का हुआ तो वह अनहेल्दी टंग होता है। आइए जानते हैं कौन से जीभ का रंग हमारे सेहत को लेकर क्या कहता हैं।
जब हमारी जीभ का रंग डार्क पिंक को छोड़ लाल रंग की तरह दिखे तो इसका मतलब यह हुआ कि हमारे शरीर में विटामिन बी की कमी है। जिसे हम खानपान के द्वारा सुधार सकते हैं। इसके बहुत से कारण होते हैं जैसे- बुखार, एग्जिमा, कावास्की डिजीज (Kawasaki disease) होने के कारण भी जीभ का रंग लाल हो सकता है।
वहीं यदि आपकी जीभ में लाल रंग के पैचेस हैं और बॉर्डर पर व्हाइट हैं तो ऐसे में आपको काफी सावधान होने की आवश्यकता है। मेडिकल टर्म में इसे जिओग्राफिक टंग कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए नॉर्मल टंग नहीं होती हैं।
आपकी जीभ यदि पर्पल रंग की है तो इसका मतलब यह हुआ कि आपको दिल संबंधी परेशानी है या फिर शरीर में ब्लड सर्क्युलेशन ठीक से नहीं हो रहा है। पर्पल रंग की जीभ वाले लोगों में कावास्की डिजीज भी देखी गई है।
किसी भी व्यक्ति का ब्लू टंग उस स्थिति में होती है जब उसके शरीर में सही तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती। वहीं ब्लू टंग लंग्स संबंधी बीमारी या फिर किडनी संबंधी बीमारी की ओर इशारा करती है। यदि ऐसा लक्षण दिखे तो डाॅक्टरी सलाह लेना चाहिए।
ऐसे लोग जो सिगरेट का सेवन करते हैं या फिर किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का सेवन करते हैं उन लोगों की जीभ पीली हो सकती है। वहीं कई केस में जॉन्डिस और सोरायसिस बीमारी होने के कारण भी यल्लो टंग के लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे में इसे नजरअंदाज करने की बजाय डाॅक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
कई बार खाना पचाने से संबंधित यदि परेशानी हो तो उस स्थिति में ग्रे टंग के लक्षण देखने को मिलते हैं। ऐसे लोग जो पेप्टिक अल्सर या फिर एग्जिमा की बीमारी से पीड़ित हो उनमें भी ग्रे टंग के लक्षण दिखते हैं।
सफेद जीभ उस स्थिति में होती है जब जीभ की सफेद पैचेस उभर आते हैं। सामान्य तौर पर ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति फंगल इंफेक्शन या ओरल थ्रश जैसी बीमारी से पीड़ित हो। ल्यूकोप्लाकिया (leukoplakia) या फिर ओरल लिंचिन प्लैनस की समस्या होने पर भी व्यक्ति की जीभ का रंग (Tongue color) सफेद हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि बीमारी से सावधान रहा जाए।
ब्राउन टंग की समस्या सामान्य तौर पर तभी होती है जब व्यक्ति कुछ खाता या फिर पीता है। वहीं तंबाकू का सेवन करने के कारण भी ब्राउन टंग की समस्या हो सकती है। यह ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में से भी एक है।
डिसक्लेमर: यह लाइफस्टाइल से जुड़ी एक सामान्य जानकारी है। अगर आपको जीभ को लेकर किसी बीमारी के संकेत मिल रहे हैं तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
Updated on:
02 Apr 2025 02:21 pm
Published on:
02 Apr 2025 02:16 pm
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