
Best yoga poses for digestion and metabolism फोटो सोर्स – Freepik
Yoga for Digestion: आज की रफ्तार भरी जिंदगी और गलत खानपान ने हमारे शरीर के सबसे अहम हिस्से पाचन तंत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। जंक फूड, देर से खाना खाना, तनाव, नींद की कमी और फिजिकल एक्टिविटी का अभाव पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, अपच, कब्ज और सूजन का कारण बनता है। ऐसे में दवाओं की बजाय अगर कोई नैचुरल और साइड इफेक्ट फ्री उपाय अपनाया जाए, तो उससे बेहतर कुछ नहीं। यही काम करता है योग। योग केवल मानसिक शांति के लिए नहीं, बल्कि शरीर के हर अंग के बेहतर कामकाज के लिए बेहद असरदार है, खासकर डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए।
पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए योग में कई ऐसे आसान आसन हैं जो न केवल आपकी पाचन क्रिया को मजबूत करते हैं, बल्कि पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी दिक्कतों से भी राहत दिलाते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे कारगर योगासन जिनका नियमित अभ्यास आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
इस आसन का नाम ही बताता है कि यह शरीर से अतिरिक्त वायु यानी गैस को निकालने में सहायक है। पवनमुक्तासन करने से पेट की मांसपेशियों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे गैस, अपच और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
पीठ के बल लेटें, दोनों पैरों को मोड़ें और घुटनों को छाती से लगाएं। हाथों से घुटनों को पकड़ें और सिर को घुटनों की तरफ उठाएं। कुछ सेकंड रुकें और सामान्य रूप से सांस लें। इसे 3-5 बार दोहराएं
इस आसन को 'कोबरा पोज' भी कहते हैं। यह आसन पेट की आंतरिक मसाज करता है और पाचन क्रिया को तेज करता है। यह लिवर और पैंक्रियाज के फंक्शन को भी बेहतर बनाता है।
पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और सांस भरते हुए सिर व छाती को ऊपर उठाएं। शरीर को पीछे की ओर झुकाते हुए कुछ सेकंड इसी पोज में रहें, फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
यह एकमात्र ऐसा योगासन है जिसे खाने के तुरंत बाद किया जा सकता है। यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और भोजन को सही ढंग से पचाने में मदद करता है।
दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एड़ियों पर बैठें। पीठ सीधी रखें और आंखें बंद करके धीरे-धीरे सांस लें। कम से कम 5-10 मिनट तक करें।
यह आसन शरीर को खिंचाव देता है जिससे पेट की मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और पाचन प्रणाली बेहतर काम करती है।
पैरों को फैला कर खड़े हो जाएं। एक हाथ ऊपर और दूसरा नीचे करते हुए शरीर को एक तरफ झुकाएं। दूसरी ओर भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
इस ट्विस्टिंग पोज में शरीर को मोड़ने से आंतों की मसाज होती है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
फर्श पर बैठें, एक पैर को मोड़कर जांघ के पास लाएं, दूसरा पैर उसे पार करके जमीन पर रखें। फिर शरीर को उस दिशा में मोड़ें और दूसरी ओर भी यही करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
09 Jul 2025 10:45 am
Published on:
09 Jul 2025 09:48 am
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