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UP में 100 करोड़ की लागत से खुलेंगे संस्कृत के 10 स्कूल, इन जिलों में होगा निर्माण

UP Schools : वर्तमान समय में अभी पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक सरकारी संस्कृत सेकेंडरी स्कूल और एक सरकारी संस्कृत डिग्री कॉलेज है।

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लखनऊ

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Adarsh Shivam

Apr 07, 2023

10 Sanskrit schools will opened in UP cost of 100 crores

प्रतीकात्मक तस्वीर

यूपी में संस्कृत की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रदेश में काम कर रही है। इसी बीच अब यूपी सरकार ने फैसला किया है कि 10 नए सरकारी संस्कृत सेकेंडरी स्कूल खोलेगी। राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।

राज्य के इन 10 जिलों में खोला जाएगा स्कूल- वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, शामली, जालौन, एटा, अमेठी और हरदोई का नाम शामिल हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट केअनुसार, वर्तमान समय की बात करें, तो अभी पूरे उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक सरकारी संस्कृत सेकेंडरी स्कूल और एक सरकारी संस्कृत डिग्री कॉलेज है।

स्कूलों निर्माण के लिए पैसे का किया अनुरोध
इसके अलावा संस्कृत की पढ़ाई करवाने वाले सभी संस्थान निजी तौर पर चलाए जा रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक ये है कि वह नए इंटरमीडिएट लेवल के संस्कृत स्कूलों को राज्यभर में खोले। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, राज्य शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से इन नए संस्कृत स्कूलों के निर्माण के लिए पैसे का अनुरोध किया है।

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इन शहरों को धार्मिक केंद्रों के तौर पर किया जा रहा विकसित
योगी सरकार प्रदेश में संस्कृत स्कूलों को खोलने के लिए 2023-24 के बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि सरकार गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट और मथुरा में इंटरमीडिएट लेवल के सरकारी संस्कृत सेकेंडरी स्कूलों को खोलने की तैयारी भी कर रही है। इन शहरों को प्रमुख धार्मिक केंद्रों के तौर पर विकसित किया जा रहा है।


स्कॉलरशिप देने के लिए 10 करोड़ रुपए का किए आवंटित
इससे पहले 22 मार्च को प्रिंसिपल सेक्रेटरी दीपक कुमार ने इन पांच जिलों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें इन पांच स्कूलों को निर्माण के लिए तीन एकड़ जमीन होने को लेकर जानकारी मांगी गई। इसके बाद राज्य सरकार ने 2023-24 के बजट में यूपी में संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित किए।


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पहले संस्कृत के छात्रों को राज्य में दो लाख रुपए का स्कॉलरशिप बजट मिलता था। हाल ही में, सेकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने यूपी में चल रहे सरकारी, गैर-सहायता प्राप्त और सेल्फ-फाइनेंस्ड संस्कृत स्कूलों और कॉलेजों में स्कूल से कॉलेज लेवल तक पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने के लिए 131 करोड़ रुपए देने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था।