6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भाजपा के लिए प्रदेश के चार नगर निगम बने चुनौती, जानिए क्या है पार्टी की तैयारी?

UP Nikay Chunav 2023 : यूं तो प्रदेश में शहरी निकाय के 760 पदों पर चुनाव हो रहे हैं, मगर सबकी निगाहें 17 नगर निगमों के मेयर पद पर हैं। इस बार भाजपा के लिए चार नगर निगम बेहद चुनौतीपूर्ण माने जा रहे हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Vishnu Bajpai

Apr 30, 2023

up nikay chunav 2023

UP Nikay Chunav 2023 : यूं तो प्रदेश में शहरी निकाय के 760 पदों पर चुनाव हो रहे हैं, मगर सबकी निगाहें 17 नगर निगमों के मेयर पद पर है। नगर निगमों में भाजपा की चुनौतियां इस बार पहले से अलग हैं। पिछले चुनाव में जिन मेरठ और अलीगढ़ में भगवा दल को हार मिली थी, पार्टी इस बार वहां खुद को मजबूत मान रही है। इस बार सहारनपुर के अलावा बरेली, मुरादाबाद और अयोध्या में फिलहाल चुनौती देखने को मिल रही है।

इसलिए पार्टी अब इन सीटों पर ज्यादा जोर लगाएगी। प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायतों में दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पिछले निकाय चुनाव में भाजपा ने 16 में से 14 नगर निगमों में जीत हासिल की थी। इस बार शाहजहांपुर नगर निगम और बढ़ गया है।

यह भी पढ़ें : Photo: अतीक अहमद और शाइस्ता की कई फोटो वायरल, इनकी गोद में यह बच्चा कौन?

भाजपा ने सभी 17 नगर निगम जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी ने सभी नगर निगमों की चुनावी स्थिति का आंकलन भी कराया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार अलीगढ़ और मेरठ उन्हें खुद के लिए मुफीद लग रहे हैं। पार्टी ने दोनों सीटों पर प्रत्याशी और रणनीति दोनों बदले हैं।

तीन निगमों में सामाजिक समीकरण साधने की चुनौती
तीन निगमों में सामाजिक समीकरण साधने की चुनौती है। वहीं पार्टी को जिन नगर निगमों में फिलहाल चुनौती मिल रही है, उनमें पहला नाम सहारनपुर का है। यही कारण है कि सीएम योगी ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत भी सहारनपुर से ही की।

इसके अलावा बरेली, मुरादाबाद और अयोध्या नगर निगम भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। सहारनपुर, बरेली और मुरादाबाद में पार्टी के सामने सामाजिक समीकरणों को मुफीद बनाने की कड़ी चुनौती है। सहारनपुर और मुरादाबाद में मुस्लिम आबादी भी अच्छी-खासी है।

यह भी पढ़ें : इद्दत में है इस्लाम की कट्टर अनुयायी शाइस्ता, अतीक के रिश्तेदार ने किया बड़ा खुलासा

अयोध्या में नये चेहरे के कारण दिक्कत
अयोध्या में फिलहाल मेयर पद पर नये चेहरे के कारण अभी चुनाव को गति देने में दिक्कत आ रही है। अवध क्षेत्र की बैठक में ही अयोध्या के एक पदाधिकारी ने इस मुद्दे को उठाते हुए यहां तक कह दिया था कि न प्रत्याशी कार्यकर्ताओं को जानते हैं और न कार्यकर्ता उनको पहचानते हैं। हालांकि अयोध्या का चुनाव दूसरे चरण में हैं और पार्टी ने अब वहां पूरा फोकस करने का फैसला किया है।

अंतिम दिनों में पार्टी झोंकेगी ताकत
पहले चरण में चार मई को 10 और दूसरे चरण में 11 मई को 7 नगर निगमों सहित अन्य निकायों के लिए मतदान होना है। इसके लिए भाजपा ने अंतिम समय पर पूरी ताकत झोंकने की रणनीति तय की है। एक ओर जहां सीएम योगी और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ताबड़तोड़ रैलियों और सम्मेलनों में जुटे हैं। वहीं प्रदेश के साथ ही यूपी के केंद्रीय मंत्रियों को भी प्रचार में उतार दिया गया है।

यह भी पढ़ें : गूगल पर सबसे ज्यादा लोग सर्च किए जा रहे अतीक के शूटर, कौन हैं लवलेश, सनी और अरुण?

नुक्कड़ सभाएं और घर-घर संपर्क करेगी भाजपा
पार्टी सूत्रों का दावा है कि निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी मजबूत रणनीति बनाई है। इसके लिए पुराने-नए मतदाताओं के अलावा व्यापारियों और प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन किए जा रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नुक्कड़ सभाएं और मोहल्ला बैठकों के साथ ही घर-घर संपर्क कर पार्टी को जीत दिलाने में पूरा जोर लगाएंगे।