लखनऊ. राजधानी पुलिस की रिश्वतखोरी ने आखिकार एक बुर्जग की जान ले ली। राजधानी के गाजीपुर क्षेत्र की पुलिस पर बुर्जग के रिश्तेदार ने गंभीर आरोप लगाये है। रिश्तेदार के अनुसार उसके बुजुर्ग रिश्तेदार को डेढ़ दर्जन से अधिक दबंग लोग गंभीर बीमारी की हालत में अस्पताल से जबरन अगवा करके ले गये। जिसकी सूचना कई बार पुलिस को दी गयी। लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। जिसके बाद दबंगों ने स पत्ती के लालच में आकर उसकी हत्या कर दी और शव को बगैर किसी को सूचना दिये बगैर जला दिया। इस मामले में गाजीपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बावजूद मामले में लीपापोती करते हुए आलाअधिकारियों से दबाकर रखा।
इंदिरानगर के अमराई गांव निवासी हनुमान पाल ने बताया कि उसके चचेरे नाना श्रीकृष्ण उर्फ केशन (64)मुसपरी बीकेटी में रहते थे। चूंकी केशन की कोई संतान नही थी तो उनकी देखरेख हनुमान ही करता था। हनुमान ने बताया कि उसने बुजुर्ग केशन को तबियत खराब होने पर बीती 30 सितंबर को गाजीपुर के मंजूलता अस्पताल में भर्ती कराया था। बीमारी से जूझ रहे बुजुर्ग ने अपनी चल व अचल संपत्ति का हकदार हनुमान को बना दिया था।
पीड़ित हनुमान ने बताया की बीती एक अक्टूबर को उसके नाना को बीमारी हालत में ही बुजुर्ग के भतीजों गया प्रसाद, हरिलाल और नौमीलाल ने डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाशों को लेकर पुलिस से सांठगांठ कर अस्पताल से जबरन अगवा कर लिया। जब अस्पताल वालों ने इसका विरोध किया तो उनको भी धमकाया गया। हनुमान ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की लिखित जानकारी अस्पताल के लेटर हेड पर भी दी थी। इसके बाद हनुमान ने गाजीपुर थाने में मामला भी दर्ज कराया। लेकिन पुलिस मामले को पचा गई।
वह लगातार पुलिस ने बुजुर्ग की हत्या किये जाने की बात कहता रहा। लेकिन पुलिस ने नहीं सुना। जिसके बाद दबंगों ने बीती 11 अक्टूबर को बुजुर्ग की हत्या कर शव को बगैर किसी को सूचना दिये जला डाला। पीड़ित का आरोप है कि आरोपीगणों ने उसके भाइयों को लालच दिया और अपने साथ मिला लिया। पीड़ित का आरोप है कि आरोपीगण दबंग प्रवृत्ति के है और प्रॉपर्टी का काम करते है। पीड़ित का कहना है कि लखनऊ पुलिस आरोपियो से मिली है और लेनदेन के चलते आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं सीईओ गाजीपुर दिनेश पुरी ने बताया पीड़ित को हर संम्भव मदद की जायेगी जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जायेगा।