
69000 Sahayak Shikshak Bharti
बेसिक शिक्षा के 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों ने परिवर्तन चौक पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को नियमानुसार पूरी कर वंचित अभ्यर्थियों को शामिल करने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प हो गई। अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान कई अभ्यर्थी गश खाकर गिर पड़े। मामले में पिछला दलित संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष सुशील कश्यप व संरक्षक भास्कर सिंह यादव का कहना है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत की जगह 3.80 प्रतिशत, एससी वर्ग को 21 प्रतिशत की जगह मात्र 16.2 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके सब्र का बांध अब टूट गया है। वे अब इस मामले में संपूर्ण न्याय चाहते हैं। उन्होंने कहा कि या तो उन्हें इच्छामृत्यु दे दी जाए अन्यथा उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाए।
भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का सही पालन नहीं
अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का सही तौर पर पालन नहीं किया गया है। बेसिक शिक्षा नियमवाली 1981 एव आरक्षण नियमवाली 1994 का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। जिस कारण इस भर्ती प्रक्रिया में 19 हजार के करीब सीटों पर आरक्षण घोटाला हुआ है। लेकिन सरकार कुछ सीटों को देकर ही इस मामले को शांत कराना चाहती है, जो कि गलत है। 5 जनवरी को चयनित सूची में शामिल किए जाने के बावजूद अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। अभ्यर्थी बीते 67 दिनों से लखनऊ में धरना दे रहे थे। आरोप है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। भर्ती प्रक्रिया पर कोर्ट की तरफ से किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है।
6800 सीटें देकर मामला शांत कर रही सरकार
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में 19 हजार के करीब सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है लेकिन सरकार 6800 सीट देकर इस मामले को शांत करना चाहती है। सरकार द्वारा जारी की गई 6800 की लिस्ट पर लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 26 जनवरी को पूरी तरह से रोक लगा दी है।
सपा ने किया ट्वीट
समाजवादी पार्टी प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने मामले को ट्वीट करते हुए मांग की है कि 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला में दलितों पिछड़ो दिव्यांगनों की संवैधानिक हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए। अभ्यर्थियों का हक दीजिए पुलिसिया बर्बरता से उनकी आवाज़ दबाना बेहद दुखद है।
Published on:
30 May 2022 05:09 pm
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