
69000 शिक्षक भर्ती में शुरू हुआ बड़ा खेल, इस बार प्राइमरी टीचर बनना नहीं होगा इतना आसान
लखनऊ. 69000 शिक्षक भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हुआ तो पास-फेल से पर्दा उठ गया। हालांकि अब भी शिक्षक चयन की एक बड़ी प्रक्रिया बाकी है। परीक्षा में तय कटऑफ अंक न पाने वाले वर्गवार अभ्यर्थी शिक्षक बनने की रेस से पहले ही अलग हो चुके हैं। अब अगले चरण में सफल अभ्यर्थियों के बीच जंग छिड़ेगी। इसमें जो अभ्यर्थी अंकों में आगे रहेंगे वही शिक्षक बनेंगे। बाकी अभ्यर्थी परीक्षा में पास होकर भी शिक्षक नहीं बन सकेंगे। यानी अब सारा खेल अंकों का ही होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्रभारी सचिव विजय शंकर मिश्र के मुताबिक अब शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा और एनआइसी से बैठक के बाद आवेदन ऑनलाइन लेने की तारीखें तय होंगी, तब विज्ञप्ति जारी की जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण जिलों में अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग और नियुक्ति देने के संबंध में शासन ही निर्णय लेगा।
योगी सरकार ने बदला नियम
दरअसल अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक का चयन एकेडमिक मेरिट से होता आ रहा है, लेकिन योगी सरकार ने चयन को लिखित परीक्षा के माध्यम से करने का फैसला किया। जिसके बाद यह दूसरी शिक्षक भर्ती है, जिसमें 69000 शिक्षकों का चयन होगा। 69000 भर्ती में सफल होने वालों की संख्या दोगुने से अधिक है, इसलिए चयन का पूरा दारोमदार गुणांक (मेरिट) पर ही निर्भर है। परिषद की ओर से सभी सफल अभ्यर्थियों का गुणांक उनकी अब तक की मेरिट के हिसाब से तय होगा। इसमें सबसे आगे रहने वाले अभ्यर्थी ही शिक्षक बन सकेंगे।
ऐसे बनेगी मेरिट
- हर अभ्यर्थी की 10वीं, 12वीं, स्नातक और शिक्षक प्रशिक्षण (बीटीसी, डीएलएड या बीएड) के 10-10 फीसदी अंक
- शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के 60 फीसदी अंक
- इसमें मिलने वाले कुल अंक सभी अभ्यर्थी के चयन का आधार बनेगा
- शिक्षामित्रों को मिलने वाला 25 नंबर का भारांक भी मेरिट में जोड़ा जाएगा
- इन अंकों की बदौलत वे आसानी से शिक्षक बन सकेंगे
- अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद परिषद सभी का गुणांक तय करेगी
कोर्ट ने कहा- तीन महीने में पूरी करें भर्ती
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ करते हुए र्ती प्रक्रिया तीन माह के भीतर पूरी करने का आदेश दिया है। यह भर्ती कटऑफ अंकों के विवाद के चलते फंसी हुई थी। छह मई को कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही बताया। जिसके बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 65 फीसदी अंक और अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 फीसद अंक उत्तीर्ण होंने के लिए जरूरी होंगे।
Updated on:
17 May 2020 09:27 am
Published on:
13 May 2020 03:23 pm
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