
Aadhaar Card
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. 2016 से पहले भू-संपत्ति की रजिस्ट्री (Property Registry) करने वालों के लिए जरूरी खबर है। भू-संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी, धोखाधड़ी व कालेधन को रोकने के लिए स्टांप व निबंधन विभाग अब 2016 से पहले हुई रजिस्ट्रियों को उनके स्वामियों के आधार नंबर से लिंक करेगा। विभाग ने साल 2016 से पहले हुए निबंधन से जुड़े खरीदारों के आधार नंबर को रजिस्ट्री से लिंकअप कर डाटाबेस रिकॉर्ड अपडेट करने की तैयारी कर ली है। भू-स्वामियों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। जल्द ही उनके पते पर सूचना देकर उनसे आधार की जानकारी ली जाएगी।
यह है मकसद-
जानकारों को कहना है कि आधार को संपत्ति के स्वामित्व से जोड़ने से काले धन को रियल एस्टेट क्षेत्र से धोखाधड़ी को खत्म करने में मदद मिलेगी। इस कदम से घर की कीमतों के युक्तिकरण को सक्षम करने की क्षमता भी है, क्योंकि जिन लोगों ने बेनामी संपत्ति में निवेश किया है, वे विनिवेश के लिए दौड़ेंगे। एआईजी स्टांप निबंधन राम इकबाल सिंह के मुताबिक आधार लिंक करने से रजिस्ट्री कराने वाले की पूरी जानकारी विभाग के साथ आयकर व प्रवर्तन निदेशालय को मिलेगी। एक ओर जहां सही तथ्य छुपाकर होने वाली भू-संपत्तियों की खरीद में गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा, तो वहीं बेनामी संपत्तियों की निगरानी भी हो सकेगी।
फर्जीवाड़े को रोककर कार्रवाई भी की जा सकेगी। इसीलिए 2016 से निबंधन के समय खरीदार, विक्रेता के आधार की प्रमाणिकता को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए हाईटेक निगरानी शुरू की जा चुकी है। लिंकअप किए गए आधार नंबर को रजिस्ट्री की कॉपी में भी दर्ज किया जाएगा।
Published on:
10 Dec 2020 05:22 pm
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