
चार भागों में बटेगा उत्तर प्रदेश, इस राजनैतिक दल ने किया आंदोलन करने का एेलान
लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर पूरे देश में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बंटवारे का मुद्दा एक बार फिर तेजी पकड़ने लगा है। भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश को आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता संजय सिंह ने चार हिस्सों में बांटने की वकालत की है। इस मुद्दे को आम आदमी पार्टी ने उठाते हुए इसके समर्थन में आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। आप के प्रवक्ता संजय सिंह ने बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है और आबादी के लिहाज से देखें तो इसे दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा राज्य माना जा सकता है। इतने बड़े सूबे का असल मायने में विकास कर पाना अब व्यावहारिक दृष्टि से दूभर है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है। वह उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने की हिमायत करती है और वह इस मांग को लेकर आंदोलन भी करेगी। पार्टी इस आंदोलन की रणनीति दो-चार दिन में तय कर लेगी।
उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में बांटने पर ये बताई वजह
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और विकास की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये छोटे राज्यों का गठन जरूरी है। अभी उत्तर प्रदेश की हालत देखिये। मैं पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर चीजों को देख रहा हूं। जर्जर कानून-व्यवस्था होने और विकास की अनदेखी के कारण स्कूल, सड़क और अस्पताल नहीं बन पा रहे हैं। सोनभद्र सबसे ज्यादा राजस्व देता है, मगर वहां के हालात देखिये। पूर्वांचल की हालत देख लीजिये। उत्तर प्रदेश चार राज्यों में बंट जाएगा तो अच्छा रहेगा।
इन्होंने भी की थी हरित प्रदेश बनाने की मांग
पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह कई बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर ‘हरित प्रदेश‘ बनाने की मांग कर चुके हैं। मगर यह कभी फलीभूत नहीं हुआ। बुंदेलखण्ड की मांग को लेकर वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ी तत्कालीन ‘बुंदेलखण्ड कांग्रेस' को बुंदेलखण्ड समेत हर जगह मात खानी पड़ी। उसके अध्यक्ष रहे राजा बुंदेला अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
बसपा सरकार ने भी उठाया था ठोस कदम
उत्तर प्रदेश के बंटवारे की बात तो नई नहीं है। उत्तर प्रदेश के बंटवारे की सबसे ठोस मांग बसपा सरकार ने की थी। बता दें कि 2011 में मायावती सरकार ने राज्य विधानसभा में यूपी को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र के पास भेजा था।
Updated on:
11 Sept 2018 03:46 pm
Published on:
11 Sept 2018 01:55 pm
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