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प्रशासन हुआ सख्त, निजी अस्पतालों की मनमानी वसूली पर लगी रोक, तय की गई जांच की दरें

locationलखनऊPublished: May 08, 2021 10:47:32 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

Private Hospitals में मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाते हुए तय की गई है जांच की दरें

Covid Hospitals

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लखनऊ. योगी सरकार (UP Government) ने निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में फीस वसूली को लेकर नियम बनाया है। निजी अस्पताल अब मनमाने तरीके से वसूली नहीं कर सकेंगे। डीएम ने सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेटों को अस्पतालों में बिल जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही निजी अस्पतालों में फीस वसूली की दर भी तय की गई है। डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा है कि हर एक सेक्टर में प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी और चिकित्सा अधिकारी की तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। जनपद स्तर पर भी मॉनिटरिंग के लिए टीम गठित की गई है, जिसमें अपर जिलाधिकारी प्रशासन,अपर पुलिस उपायुक्त प्रोटोकाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को शामिल किया गया है। यह टीम अस्पतालों में वसूली के किराए और बेड की उपलब्धता पर निगरानी करेगी।
दरअसल, मेयो और सहारा अस्पताल सहित कई निजी अस्पतालों में मनमाने तरीके से वसूली की खबरें सामने आ रही थीं। कोविड काल में अस्पतालों की ऐसी मनमानी पर रोक लगाने के लिए डीएम अभिषेक प्रकाश ने सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेटों को अस्पतालों में बिलों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने जांच से लेकर इलाज तक के लिए अलग-अलग दरें तय की हैं। इसके बाद भी जहां पर भी मरीजों से अधिक वसूली होगी वहां संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
ए श्रेणी के अस्पताल के लिए

– वेंटीलेटर सुविधा- 18 हजार प्लस पीपीई किट 2000 रुपये

– ऑक्सीजन बेड- 10 हजार प्लस पीपीई किट का 1200 रुपये

– आइसीयू वार्ड- 15 हजार प्लस पीपीई किट 2000 रुपये
अन्य या एनएचबीएच अस्पताल

– वेंटिलेटर सुविधा-15 हजार प्लस पीपीई किट 2000 रुपये

– ऑक्सीजन बेड- 8 हजार प्लस किट का 1200 रुपये

– आईसीयू वार्ड- 13 हजार प्लस पीपीई किट का दो हजार रुपये
आरटीपीसीआर टेस्ट का अलग देना होगा शुल्क

आरटीपीसीआर टेस्ट कराने वालों को अलग से शुल्क देना होगा। इसके अलावा अगर कोविड से किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है और उसके परिवार में अंतिम संस्कार के लिए कोई भी उपलब्ध नहीं है, तो नगर निगम की ओर से उसे निशुल्क वाहन की व्यवस्था कराई जाएगी।
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