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ADR Report : कमाल हो गया इस बार एक भी विधायक, चुनावी खर्च की सीमा को नहीं कर सका पार, वाह

ADR report उत्तर प्रदेश में विधायक बनना आसान बात नहीं है। अगर पैसा और पॉवर नहीं है तो एमएलए बनना दूर की कौड़ी है। पर इस बार कमाल हो गया। एडीआर ने सोमवार को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी खर्च पर रिपोर्ट जारी की तो जिसने भी देखा वो हैरान रह गया।

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यूपी की नई विधानसभा में 51 प्रतिशत विधायक पर दर्ज हैं आपराधिक मामले

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उत्तर प्रदेश में विधायक बनना आसान बात नहीं है। अगर पैसा और पॉवर नहीं है तो एमएलए बनना दूर की कौड़ी है। एक आधे को छोड़ दें तो बिना पैसे के चुनाव जीतना मुश्किल है। पर इस बार कमाल हो गया। एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने सोमवार को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावी खर्च पर रिपोर्ट जारी की तो जिसने भी देखा वो हैरान रह गया। सूबे के 403 विधायकों में से 393 विधायकों के चुनाव खर्च का विश्लेषण एडीआर ने किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 222 यानि की करीब 56 प्रतिशत विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव खर्च की सीमा से 50 प्रतिशत कम खर्च किया है। प्रदेश के 393 विधायकों ने औसतन 18.88 लाख रुपए खर्च किए हैं। यानि कमाल हो गया जहां करोड़ खर्च होते थे इस बार कोई भी प्रत्याशी चुनावी खर्च की सीमा को पार नहीं कर सका। विधानसभा चुनाव में चुनावी खर्च 40 लाख रुपए तय है।

भाजपा का औसत करीब 52.7 प्रतिशत

अब अगर यूपी में पार्टी अनुसार एडीआर रिपोर्ट को देखते हैं तो भाजपा के 247 विधायकों का औसत खर्च 21.08 लाख रुपए है। यह अधिकतम खर्च की सीमा का करीब 52.7 प्रतिशत है। सपा के 109 विधायकों का औसत चुनावी खर्च 14.88 लाख रुपए है। यह चुनावी खर्च की सीमा का 37.2 प्रतिशत है। कांग्रेस के दो विधायकों का औसत चुनावी खर्च 22.66 लाख रुपए रहा है। बसपा के एक मात्र विधायक ने 9.43 लाख रुपए खर्च किए हैं।

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387 MLA ने बताया

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, करीब 387 विधायकों ने बताया है कि, उन्होंने प्रचार वाहनों पर धनराशि खर्च की है जबकि छह विधायकों ने बताया कि उन्होंने प्रचार वाहनों पर पैसा खर्च नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 254 विधायकों ने घोषणा की है कि, उन्होंने इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार पर धन खर्च किया है। 139 विधायकों ने इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के जरिए प्रचार में कोई धनराशि खर्च नहीं की है।

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