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वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद जुमे की नमाज को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा, ड्रोन से हो रही निगरानी

वक्फ संशोधन बिल के संसद में पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं।

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लखनऊ

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Prateek Pandey

Apr 04, 2025

lucknow police

वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है और किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है।

सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम

वक्फ संशोधन बिल के पारित होने के बाद लखनऊ सहित कई शहरों में जुमे की नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। राजधानी लखनऊ में विशेष रूप से पुराने लखनऊ और बड़ा इमामबाड़ा के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। सीतापुर जिले में 250 से अधिक लोगों को पाबंद किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

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संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। जेपीसी कानून व्यवस्था प्रभारी बब्लू कुमार ने बताया कि प्रदेशभर में शांति बनाए रखने के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। लखनऊ में 10 कंपनियां पीएसी और एक कंपनी आरएएफ की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि ईद के दौरान किए गए सुरक्षा इंतजामों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने उसी रणनीति पर काम किया है। अब तक प्रदेश में कहीं भी तनाव की कोई स्थिति नहीं बनी है, और सभी कार्यक्रम शांतिपूर्वक आयोजित किए जा रहे हैं।  

संसद में बिल को मिली मंजूरी

वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में मंजूरी मिल चुकी है और इसे अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, समाज के कुछ वर्गों में इस बिल को लेकर विरोध जताया गया है, जिसके चलते सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बिल को लेकर मायावती की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

सरकार का दावा– पारदर्शिता लाने का प्रयास

केंद्र सरकार का कहना है कि यह बिल मुसलमानों के हित में है और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करना है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वक्फ बोर्ड से संबंधित कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए यह संशोधन जरूरी था। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि इसका मकसद सिर्फ वक्फ संपत्तियों का संरक्षण और सही प्रबंधन सुनिश्चित करना है।

आपको बता दें कि 2013 में इस मुद्दे पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में केवल 13 सदस्य थे, जबकि इस बार बिल को लेकर बनी जेपीसी में 31 सदस्य शामिल किए गए हैं, जिससे इसकी व्यापक समीक्षा की गई है। फिलहाल, सरकार और प्रशासन दोनों ही स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी रहे।