लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा में गत 12 जुलाई को मिले संदिग्ध सफेद पाउडर की दोबारा फॉरेंसिक जांच में विस्फोटक होने से इंकार कर दिया गया है। आगरा की एक्सप्लोसिव जांच की एक्सपर्ट लैब के अधिकारियों ने दावा किया है, विधानसभा में मिला सफेद पाउडर पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट (पीईटीएन) विस्फोटक नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक रिपोर्ट आगरा फॉरेंसिक लैब ने सोमवार को लखनऊ भेजी थी। हालांकि योगी सरकार ने खुद को घिरता देख लैब पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। योगी सरकार ने दावा किया है कि पाउडर का नमूना जांच के लिए आगरा की फॉरेंसिक लैब को भेजा ही नहीं गया था।
पीईटीएन विस्फोटक नहीं है सफेद पाउडर
12 जुलाई को विधानसभा में मिले सफेद पाउडर की लखनऊ एफएसएल में जांच के बाद उसे 14 जुलाई को पीईटीएन विस्फोटक बताया गया। सूत्रों के मुताबिक इस दोबारा जांच के लिए आगरा फॉरेंसिक लैब भेजा गया। आगरा की लैब यूपी में एकमात्र एक्सप्लोसिव जांच एक्सपर्ट लैब है। यहां फोरेंसिक लैब की चार सदस्यीय टीम ने संदिग्ध पाउडर की जांच की। उप निदेशक ए.के. मित्तल की अध्यक्षता में उप-निदेशक (विस्फोटक) सुरेंद्र यादव, उप निदेशक (रसायन) के.के वर्मा और वैज्ञानिक अधिकारी ने नमूने की जांच की। इसके बाद एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि वह पाउडर पीईटीएन विस्फोटक नहीं है। वहीं इस संबंध में एक रिपोर्ट लखनऊ भेजा जा चुकी है। साथ एनआईए को भी यह रिपोर्ट भेजने की तैयारी है। लेकिन अभी तक इसकी आधिकारी पुष्टि नहीं हुई है।
योगी सरकार ने दावे को बताया गलत
आगरा लैब के जुड़े अधिकारियों के दावों के बाद मंलवार को योगी सरकार की तरफ से इन्हें गलत बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्रधान सचिव गृह ने बताया कि एफएलएल आगरा को संदिग्ध पाउडर का नमूना नहीं भेजा गया था। क्योंकि उनके पास इस तरह के पर्दाथ की जांच के उपयुक्त संसाधन नहीं है। वहीं उन्होंने बताया कि 14 जुलाई एसएफएसएल लखनऊ की जांच में संदिग्ध पाउडर से जुड़ी तीन बातें सामने आई थी। इसमें पहला था कि सफेद पाउडर पानी में घुलने वाला नहीं था। दूसरा कई कैमिकल टेस्ट में इसके नाइट्रेट होने की बात सामने आई। तीसरा शुरुआती विस्फोटक पहचान किट में पीईटीएऩ पॉजिटिव था।