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YAKSH App से बदली पुलिसिंग की तस्वीर, AI फेशियल रिकग्निशन से अपराधियों की तुरंत पहचान

AI-Powered YAKSH App: डिजिटल तकनीक के दौर में पुलिसिंग भी स्मार्ट हो रही है। यक्ष (YAKSH) ऐप में शामिल AI पावर्ड फेशियल रिकग्निशन तकनीक अपराधियों की पहचान को तेज, सटीक और भरोसेमंद बना रही है। यह सुविधा पुलिस अधिकारियों को मौके पर ही संदिग्धों की पहचान कर त्वरित कार्रवाई में सक्षम बनाती है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 28, 2025

‘यक्ष (YAKSHA)’ ऐप बना कानून-व्यवस्था का मजबूत डिजिटल हथियार (Source: Police Media Cell)

‘यक्ष (YAKSHA)’ ऐप बना कानून-व्यवस्था का मजबूत डिजिटल हथियार (Source: Police Media Cell)

YAKSH App AI Policing : डिजिटल इंडिया के युग में तकनीक लगातार कानून-व्यवस्था को अधिक सशक्त और प्रभावी बना रही है। इसी कड़ी में यक्ष (YAKSH) ऐप में शामिल AI आधारित फेशियल रिकग्निशन (Facial Recognition) तकनीक पुलिसिंग के क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आई है। यह अत्याधुनिक सुविधा न केवल अपराधियों की पहचान को आसान बनाती है, बल्कि पुलिस अधिकारियों को त्वरित, सटीक और तथ्यात्मक निर्णय लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

क्या है AI पावर्ड फेशियल रिकग्निशन

AI पावर्ड फेशियल रिकग्निशन एक ऐसी आधुनिक तकनीक है, जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण कर उसकी पहचान करती है। यह तकनीक चेहरे की बनावट, आंखों की दूरी, नाक और जबड़े की संरचना जैसे कई बायोमेट्रिक बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम करती है। यक्ष ऐप में यह तकनीक विशेष रूप से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित की गई है।

यक्ष ऐप कैसे करता है काम

यक्ष ऐप के माध्यम से पुलिस अधिकारी किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की तस्वीर सीधे मोबाइल से कैप्चर कर सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद सरल, सुरक्षित और तेज है।

तस्वीर कैप्चर होते ही

AI सिस्टम उसे रियल-टाइम में उपलब्ध आपराधिक डेटाबेस से मिलान करता है। कुछ ही क्षणों में पुलिस अधिकारी को संभावित मैच और संबंधित जानकारी उपलब्ध हो जाती है। यह पूरा प्रोसेस कुछ सेकंड में पूरा हो जाता है, जिससे मौके पर ही कार्रवाई संभव हो पाती है।

अपराधियों की पहचान में AI की अहम भूमिका

  • अक्सर देखा गया है कि अपराधी
  • नाम बदल लेते हैं
  • फर्जी पहचान पत्र बनवा लेते हैं
  • या लंबे समय तक फरार रहते हैं

ऐसी स्थितियों में पारंपरिक जांच पद्धतियां सीमित साबित होती हैं। लेकिन AI आधारित फेशियल रिकग्निशन चेहरे के आधार पर पहचान करता है, जिसे बदलना लगभग असंभव होता है। यक्ष ऐप की यह सुविधा, पुराने रिकॉर्ड से मिलान,फरार अपराधियों की पहचान और फर्जी पहचान के मामलों में पुलिस के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।

रियल-टाइम रिजल्ट, तुरंत निर्णय

यक्ष ऐप की सबसे बड़ी खासियत है तुरंत परिणाम। जहां पहले पहचान में घंटों या दिनों का समय लगता था, वहीं अब कुछ ही सेकंड में परिणाम सामने आ जाते हैं। इससे पुलिस अधिकारी समय पर निर्णय ले पाते हैं,तथ्यों के आधार पर कार्रवाई कर सकते हैं और निर्दोष व्यक्तियों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता है

फील्ड पुलिसिंग के लिए वरदान

चेक पोस्ट, नाकाबंदी, भीड़-भाड़ वाले इलाके, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या सार्वजनिक कार्यक्रम-हर जगह यक्ष ऐप एक मजबूत सहायक के रूप में कार्य करता है।

  • फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों को अब
  • भारी फाइलें
  • मैन्युअल रिकॉर्ड
  • या कंट्रोल रूम पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं
  • सिर्फ एक स्मार्टफोन और यक्ष ऐप से वे मौके पर ही सत्यापन कर सकते हैं।

डेटा सुरक्षा और गोपनीयता

  • यक्ष ऐप में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा गया है।
  • सभी डेटा सुरक्षित सर्वर पर एन्क्रिप्टेड रूप में संग्रहित रहते हैं
  • केवल अधिकृत अधिकारियों को ही एक्सेस मिलता है
  • किसी भी प्रकार के दुरुपयोग की संभावना को न्यूनतम किया गया है
  • यह तकनीक कानून के दायरे में रहकर नागरिकों के अधिकारों की भी रक्षा करती है।

डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में बड़ा कदम

यक्ष ऐप न केवल एक तकनीकी नवाचार है, बल्कि यह डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक ठोस कदम भी है। स्मार्ट सिटी मिशन,डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस जैसी राष्ट्रीय योजनाओं को भी मजबूती प्रदान करती है।