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लखनऊ

यूपी में फिर बढ़ा प्रदूषण, जहरीली हुई शहर की आबोहवा, 6 बिल्डरों को नोटिस जारी

दीपावली खत्म होने के बाद एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। राजधानी लखनऊ की हवा में जहर घुलने लगा है। यहां के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में 111 प्वाइंट्स की वृद्धि हुई है।

लखनऊNov 24, 2020 / 12:31 pm

Karishma Lalwani

यूपी में फिर बढ़ा प्रदूषण, 6 बिल्डरों को नोटिस जारी

यूपी में फिर बढ़ा प्रदूषण, 6 बिल्डरों को नोटिस जारी

लखनऊ. दीपावली खत्म होने के बाद एक बार फिर प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। राजधानी लखनऊ की हवा में जहर घुलने लगा है। यहां के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में 111 प्वाइंट्स की वृद्धि हुई है। केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश के प्रदूषित शहरों की सूची में लखनऊ 14वें स्थान पर आ गया है। हालांकि यहां पर अभी प्रदूषण की मात्रा दिल्ली से कम है, लेकिन आबोहवा को दूषित होता देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। बोर्ड ने प्रदूषण फैलाने वाले शहर के कई बिल्डरों के खिलाफ सख्ती दिखाई है। बोर्ड ने छह बिल्डरों को नोटिस जारी करते हुए एलडीए को पत्र लिखा है। बोर्ड ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
एलडीए को लिखा गया पत्र

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मैसर्स एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड विभूति खंड गोमती नगर‚ मैसर्स ओमेक्स इंटीग्रेटेड टाउनशिप‚ मैसर्स हलवासिया डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड‚ मैसर्स रिसिता मैनहैटन‚ सरसांवा सुल्तानपुर रोड व अंबे इंफ्रा हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड विभूति खंड गोमती नगर को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट पहुंचा मामला

सीबीआई की कोर्ट में मेसर्स रिशिता डेवलपर व उसके निदेशक सुधीर कुमार अग्रवाल को वादी बनाया गया है। उन पर पर्यावरण अभियंता आशुतोष पाण्डेय की ओर से याचिका दाखिल की गई है। आरोप है कि डेवलपर की सुल्तानपुर रोड स्थित सरसांवा गांव में साइट चल रही है। यहां अपार्टमेंट निर्माण कार्य चलता है लेकिन बिल्डिंग निर्माण में प्रदूषण रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बोर्ड ने तीन बार नोटिस जारी कर व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी दी थी। मगर प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। बीते 11 नवम्बर को बोर्ड के अभियंताओं ने निरीक्षण किया तो कोई उपाय नहीं किए गए थे। इसपर 13 नवम्बर को कारण बताओ नोटिस जारी की गई। उसमें 22 अक्तूबर से व्यवस्था दुरुस्त करने तक 23 हजार‚ 437 रुपए प्रतिदिन की दर से क्षतिपूर्ति लगाने की चेतावनी दी गई थी। संस्था ने इस नोटिस को भी गंभीरता से नहीं लिया।
गाजियाबाद सबसे प्रदूषित

प्रदूषित शहरों की सूची में पहले स्थान पर गाजियाबाद शहर है। यहां पर एक्यूआई 365 माइक्रोग्राम है। दूसरे स्थान पर बुलंदशहर (321) व हिसार (321) तथा तीसरे स्थान पर फतेहाबाद (319) शहर है। उधर राजधानी से सटे शहर कानपुर की हवा भी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। यहां पर एक्यूआई 306 माइक्रोग्राम रिकार्ड हुई है।
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