
सुबह की सैर करने निकले लोगों के लिए मुसीबत बना प्रदूषण, धुंआ, धूल और जाम ने बढ़ाई परेशानी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की हवा खराब हो रही है। यहां की आबोहवा में बढ़ते प्रदूषण के कण ने हवा को जहरीली बना दिया है। ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। राजधानी लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। यहां का एक्यूआई (AQI) 441 तक पहुंच गया है। गौर करने वाली बात यह है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ यूपी का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर माना गया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से यूपी के अस्पतालों में सांस की परेशानियों से संबंधित मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ हो रहा है। बेलगाम प्रदूषण से सुबह की सैर करने निकले लोगों पर परेशानी के बादल छाए रहते हैं। वहीं, धुंध के चलते आंखों में जलन भी होने लगी है।
प्रदूषण में अव्वल दर्जे पर कानपुर
कानपुर प्रदूषण के मामले में नंबर वन है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 455 रहा। वहीं, दूसरे स्थान पर लखनऊ कायम है। इसके अलावा गाजियाबाद का एक्यूआई 440, नोएडा का 414 और दिल्ली का 341 दर्ज किया गया है।
बनारस बना धुंध व गैस का चैंबर
वाराणसी की भी आबोहवा में जहर घुलने लगा है। यह शहर अक्सर प्रदूषण के मामले में अव्वल दर्जे पर रहता है। शुक्रवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 389 पर पहुंच गया। यह आंकड़ा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 46 अंक ही कम रहा। इसके कारण बनारस का वातावरण दिन भर धुंध और गैस चैंबर में तब्दील हो गया। सुबह से लेकर देर रात तक काशी धुएं की चादर में लिपटी रही। मुख्य प्रदूषक तत्वों में पीएम 2.5 कणों की काफी मौजूदगी देखी गई।
जाम और धूल ने बढ़ाई परेशानी
बनारस में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण धूल और धुआं है। चांदपुर, लहरतारा, बौलिया, भेलूपुर, इंग्लिशिया लाइन, बांसफाटक, गोदौलिया, बेनियाबाग और नई सड़क इलाके में जाम और धूल के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। चांदपुर से बौलिया वाले इलाके में शाम को धूल और धुएं के कारण स्मॉग जैसी स्थिति बन गई।
टॉप टेन प्रदूषित शहर
शहर - एक्यूआइ
कानपुर - 455
लखनऊ - 441
गाजियाबाद - 440
बुलंदशहर - 434
ग्रेटर नोएडा - 415
नोएडा - 414
पटना - 404
मेरठ - 403
फरीदाबाद - 383
Published on:
05 Dec 2020 09:18 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
