
अखिलेश और डिंपल बदलेंगे समाजवादी पार्टी के स्टार, फूलपुर सीट जीतने के लिए खेला बड़ा दांव
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनावों का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी। इन दोनों सीटों पर पहले भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था, इसलिए वह दोबारा इस पर कब्जा जमाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। वहीं समाजवादी पार्टी भी इन दोनों सीटों को अपने कब्जे में करने की फिराक में है।
अखिलेश-डिंपल बने स्टार प्रचारक
समाजवादी पार्टी ने 11 मार्च को होने वाला उपचुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ने का ऐलान कर दिया है। उपचुनाव में सपा किसी से कोई गठबंधन भी नहीं करेगी। सपा ने इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट को हथियाने के क्रम में सबसे आगे रहते हुए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी फाइनल कर दी है। लिस्ट के मुताबिक फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव , सांसद डिंपल यादव, प्रोफेसर रामगोपाल यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम समेत दो दर्जन बड़े नेता कैंपेन करेंगे। अखिलेश यादव और डिंपल यादव की सभाओं में हमेशा भीड़ जुटती है। इसलिए पार्टी ने इन दोनों की क्षमता को देखते हुए ये दांव खेला है।
प्रत्याशी पर सबकी नजर
अब सबकी नजर सपा के प्रत्याशी की घोषणा पर है। तारीखों के ऐलान के ही साथ टिकट को लेकर भी सपा में घमासान मचा है। फूलपुर से उपचुनाव लड़ने के लिए दावेदारों की लाइन लगी है। इसी के तहत दस्यु ददुआ के भाई बाल कुमार पटेल ने भी फूलपुर सीट से अपनी दावेदारी ठोंक दी है। इसकी जानकारी बाल कुमार पटेल ने खुद अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट डाल कर की है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मुझे फूलपुर का भावी प्रत्याशी बनाया गया है। फेसबुक के जरिए उन्होंने उपचुनाव के लिये कार्यकर्ताओं से तैयारी करने की अपील भी की है। वहीं इस मामले को लेकर विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि उपचुनाव में किसे उम्मीदवार बनना है ये पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तय करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी किसे टिकट देकर उम्मीदवार बनाती है ये तो आने वाले दिनों में तय हो जायेगा।
इस्तीफे से खाली हुई सीट
आपको बता दें कि गोरखपुर और फूलपुर सीटें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के चलते खाली हुई है। दोनों इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन गए हैं। दरअसल इन दोनों को यूपी सरकार के मंत्रिमंडल में बने रहने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी था।
Updated on:
12 Feb 2018 02:42 pm
Published on:
12 Feb 2018 02:41 pm
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