
पूछताछ में चौकाने वाले खुलासे, एक लाख घूस देकर 25 जिलों में पाई नौकरी
लखनऊ. प्रदेश के 25 जिलों में शिक्षिका की नौकरी करने वाली अनामिक शुक्ला (Anamika Shukla Fraud) का भांडा फूटने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आने लगी है। जांच में पता लगा कि अनामिका शुक्ला के मूल दस्तावेज भी चेक नहीं हुए थे। हर जगह शैक्षिक प्रमाणपत्रों की फोटो कॉपी प्रति व धुंधली तस्वीरों के दम पर 25 जिलों में अनामिका शुक्ला नौकरी पाती चली गई। जांच में ये बात भी सामने आई कि उसने एक लाख रुपये की घूस देकर यह फर्जीवाड़ा नौकरी पाई थी।
अलग-अलग नाम
कासगंज की शिक्षिका का सही नाम सामने नहीं आया है। उसने अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम बताया है। वह कासगंज में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही थी। शनिवार को गिरफ्तारी के बाद उसने अपना नाम अनामिका सिंह बताया। इसके बाद प्रिया सिंह और बाद में सुप्रिया सिंह और प्रिया जाटव नाम बताया।
टॉप करने वाले को नहीं पता राष्ट्रपति का नाम
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की 69000 शिक्षक भर्ती के लिखित परीक्षा के परिणाम आने के बाद प्रयागराज में परीक्षा में अच्छे अंक पाने वाले तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है। परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर पास हुए धर्मेंद्र, विनोद समेत तीन अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है। इन तीनों पर चीटिंग का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद एएसपी अशोक वेंकटेश ने परीक्षा में 150 में से 142 अंक लाने वाले धर्मेंद्र से राष्ट्रपति का नाम पूछा, तो वो जवाब न दे सका। इसके बाद सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए लेकिन इसका जवाब भी नहीं दे पाया। फर्जीवाड़ें में मदद करने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. कृष्ण लाल पटेल का नाम सामने आया है।
एएसपी ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में तीनों छात्र चीटिंग से पास हुए हैं। उन्होंने परीक्षा में बड़ा फेर किया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से मिली डायरी में 20 अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं। इनमें 18 का चयन होने का पता चला है। अभी सिर्फ तीन पकड़े गए हैं। अन्य 17 की तलाश की जा रही है। उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी के बाद बाकी चीजें सामने आ सकेंगी।
Published on:
07 Jun 2020 04:56 pm
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