
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार की बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ग्राम स्वराज अभियान के तहत उनका रात्रि प्रवास कार्यक्रम विवादों में है। आरोप है कि मंत्री की चौपाल में भीड़ जुटाने के लिये बच्चों को लाया गया था, जिन्हें आठ घंटे तक बिठाये रखा गया। इतना ही नहीं इस दौरान बच्चों को कुछ खाने-पीने को भी नहीं दिया गया। कार्यक्रम खत्म होने के बाद भूखे ही बच्चों को घर भेज दिया गया।
मंत्री ने दी सफाई
बच्चों को आठ घंटों तक भूखे पेट बिठाये रखने का मामला वायरल हुआ तो हंगामा मच गया। मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि बच्चों को आठ घंटे पहले बुलाकर क्यों बिठा लिया गया। इसके लिये सबंधित अध्यापक ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रात में था कार्यक्रम दोपहर से ही बच्चों को बिठाये रखा
शुक्रवार को बहराइच जिले में चित्तौरा ब्लॉक के इटौंजा गांव में मंत्री अनुपमा जायसवाल की चौपाल का कार्यक्रम था। चौपाल में भीड़ बनी रहे, इसके लिये शिक्षकों ने स्कूली बच्चों को दोपहर 12 बजे ही कुर्सियों बिठाये रखा, जबकि मंत्री महोदया का कार्यक्रम रात आठ बजे थे। इस दौरान बच्चों को बिना कुछ खिलाये ही बिठाये रखा गया। इस दौरान कई बच्चे भूख से रोते बिलखते रहे, लेकिन उन्हें घर नहीं जाने दिया गया।
दलितों के घर काटते हैं मच्छर : मंत्री अनुपमा
इससे पहले योगी सरकार में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री एक बयान देकर सरकार की किरकिरी करवा चुकी हैं। भाजपा के ग्राम स्वराज अभियान के तहत भाजपा के मंत्री-नेताओं के रात्रि प्रवास पर मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा था कि दलितों के घर में पूरी रात मच्छर काटने के बावजूद बीजेपी नेता और मंत्री दलितों के घर जाते हैं, ताकि उन्हें सरकारी सुविधाओं का फायदा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्री दलितों के घर में रात गुजार रहे हैं, जहां मच्छर काटते हैं, बावजूद इसके हम वहां जाते हैं। हालांकि, मंत्री ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया।
Published on:
05 May 2018 12:41 pm
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