
Ayodhya news
लखनऊ.अयोध्या का मामला देश भर में तो सुर्खियों में लगातार रहता ही है, लेकिन फैसले के दिन विदेशी मीडिया भी सुप्रीम कोर्ट की ओर देख रही थी। और जब फैसला आया तब विदेश के बड़े-बड़े अखबारों, टीवी चैनलों व ऑनलाइन मीडिया में इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी। कुछ मीडिया चैनलों ने इसे मोदी की पुनः जीत करार दिया। तो कई अखबरों ने इसे मंदिर के निर्माण का रास्ता बताया। पड़ोंसी राज्य पाकिस्तान ने कहा कि बाबरी मस्जिद की जमीन मंदिर के लिए दे दी गई।
विवादित जमीन पर हिंदू पक्ष ने जीता केस- द गार्डियन
मामले पर The Guardian ने लिखा, "अयोध्या फैसला: विवादित जमीन पर हिंदू पक्ष ने जीता केस।" यूएई के अखबार गल्फ न्यूज ने लिखा है, 'हिंदुओं को विवादित और मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन.' इसके अलावा खबर में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के सभी मुख्य बिंदुओं को भी हाईलाइट किया गया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स-
अमेरिका के अखबार Newyork Times ने लिखा, भारतीय कोर्ट ने अयोध्या विवाद में हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया। Washinton Post ने लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने भारत में विवादित भूमि पर मंदिर बनने का रास्ता किया साफ किया। इसी के साथ ही वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा, 'भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवादित भूमि पर मंदिर बनने का रास्ता साफ कर दिया ह। मुस्लिम पक्ष को अलग से पांच एकड़ भूमि देने का भी आदेश दिया गया है।
जीओ टीवी ने कहा - मस्जिद की जमीन मंदिर के लिए दे दी
पाकिस्तानी चैनल Geo TV ने लिखा है, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद की जमीन मंदिर के लिए दे दी। मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने को कहा है। वैसे पाकिस्तानी मीडिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रही है। फिर चाहे वहां के नेता हों या फिर वहां का मीडिया। पाकिस्तानी नेताओं के बयान पर भारत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि उसे भारत के अंदरूनी मामलों पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है।
Dawn ने लिखा यह-
कतर के न्यूज चैनल अल जजीरा ने भी अपनी वेबसाइट में अयोध्या फैसले से जुड़ी कई खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। पाकिस्तान के अखबार Dawn ने विवादित भूमि हिंदुओं और मुस्लिमों को वैकल्पिक भूमि देने वाली बात को अपनी सुर्खी बनाया। डॉन ने फैसले के उस बिंदु का भी जिक्र किया है, जिसमें पांच सदस्यीय पीठ ने विवादित ढांचा गिराए जाने की बात स्वीकारी थी। उसने सुर्खियों में यह भी कहा कि इससे सामुदायिक संघर्ष पैदा हो सकता है।
Published on:
12 Nov 2019 10:36 pm
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