
अस्पतालों में मरीजों की मदद को होंगे आयुष्मान मित्र, मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना का दिलाएंगे लाभ
लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रांची से दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना का शुभारंभ कर दिया। इस योजना का लाभ आर्थिक रूप से कमजोर 55 करोड़ देशवासियों को मिलेगा। अब से 26 राज्यों, छह केंद्रशासित प्रदेशों के 8756 सरकारी, निजी व ट्रस्ट के अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिलेगा। जहां 1350 तरह के उपचार किये जाएंगे, दवाओं और जांच का खर्च केंद्र व राज्य सरकार उठाएंगी। इस योजना में पूरे परिवार का पांच लाख का मुफ्त बीमा होगा। मरीजों को चिकित्सकों तक पहुंचाने और कागजी कार्यवाही पूर्ण कराने का जिम्मा आयुष्मान मित्र निभाएंगे, जिन्हें सरकार मानदेय के अलावा अलग से इंसेंटिव भी देगी। आइए जानते हैं कौन हैं आयुष्मान मित्र और कैसे होगी इनकी नियुक्ति-
बीते दिनों योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने यूपी में आयुष्मान भारत ट्रस्ट बनाने और आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति संबंधी प्रस्ताव पास कर दिये थे। इसके तहत उत्तर प्रदेश में करीब 35 हजार आयुष्मान मित्र नियुक्त किये जाने हैं। इस योजना को स्वास्थ्य मंत्रालय संचालित करेगा। शिक्षामित्रों की तरह आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिये 12वीं पास और कम्प्यूटर के जानकार युवाओं को भर्ती किया जाएगा। इनकी उम्र 30 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
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आयुष्मान मित्रों की तैनाती सरकारी और निजी अस्पतालों में होगी। इन्हें मरीजों की डिटेल चेक करना, उनकी समस्याओं का उपाय बताना, मरीजों के बिल क्लीयर कराना, मर्ज के अनुरूप संबंधित डॉक्टर और विभाग के पास मरीज को ले जाना, बीमा कंपनियों से समन्वय स्थापित करना आदि कार्य करना होगा। स्वास्थ्य मित्र अपने नोडल अधिकारी को मरीज की डिटेल देगा। कोई भी राज्य सरकार आयुष्मान मित्र सीधे नहीं करेगी। बल्कि मैन पॉवर सप्लाई करने वाली कंपनियां इन्हें भर्ती करेंगी। इन कंपनियों का चयन राज्य सरकारें बिडिंग यानी निविदा के आधार पर करेंगीं। आयुष्मान मित्र इन्हीं चयनित कंपनियों के कर्मचारी होंगे न कि सरकार के।
Updated on:
23 Sept 2018 02:45 pm
Published on:
23 Sept 2018 02:30 pm
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