बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कई बैंकों में कर्मचारी भी कोरोना पाॅजिटिव (Corona Positive) पाए गए हैं। कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा को देखते हुए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के समन्वयक बृजेश कुमार की अध्यक्ष्पाता में हुई बैठक में ये फैसले लिये हैं। समितिकी बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिेय हुई, जिसमें बैंकों के समय में बदलाव और सेवाओं को लेकर फैसले लिये गए। 22 अप्रैल से पूरे प्रदेश में बैंक रोजाना सिर्फ चार घंटे सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बे तक ही काम करेंगे। इन चार घंटों में भी सिर्फ नकद जमा-निकासी, चेक क्लीयरिंग, सरकारी लेन देन के अलावा फंड ट्रांसफर, आरटीजीएस, नेफ्ट का काम होगा। ये व्यवस्था 22 अप्रैल से 15 मई तक चलेगी। इसके तहत 15 मई तक बैंक में खाता खुलवाना, एटीएम जारी करना, पासबुक इंट्री, स्टेटमेंट जारी करना व केवाईसी अपडेट आदि का काम पूरी तरह से बंद रहेगा। इस दौरान बैंकों में पूरे कर्मचारी भी नहीं आएंगे। केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी ही उपस्थित रहेंगे। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने मीडिया से बताया है कि केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों से ही काम लिया जाएगा और व्यवस्था रोटेशनल मोड में होगी।
हालांकि बैंकों में आधे कर्मचारियों से काम लेने के फैसले में देरी के चलते कई बैंक कर्मचारी और अधिकारी अब तक संक्रमण की जद में आ चुके हैं। स्टाफ के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कुठ शाखाएं और एटीएम भी बंद करने पड़े हैं। हालांकि 50 प्रतिशत कर्मचारियों वाला आदेश शासन की ओर से 9 अप्रैल को ही आ गया था। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर काफी तेज हे। रोजाना मौतों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को 162 मौतों के साथ कोरोना संक्रमण के 29,754 नए मामले सामने आए। राज्य में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े 9,09,405 तक पहुंच गए हैं।