ये भी पढ़ें- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के बेटे की शादी पक्की, लखनऊ में इस शुभ दिन होगा विवाह उत्तर प्रदेश शासन ने जिन बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है उनमें वे निम्न हैं-
– स्वामी विवेकानंद की मूर्ति जिस जमीन पर लगाई जाएगी कहीं वह सार्वजनिक तो नहीं है। – जिस संस्था द्वारा प्रतिमा लगाई जाएगी, उससे प्रस्ताव भी लिया जाए। – अटल की प्रतिमा लगाने पर भी रिपोर्ट मांगी गई है।
– जिस जमीन पर प्रतिमा लगेगी वह विवादित तो नहीं है। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे पहले मूर्ति लगाने पर विवाद हो चुका है। ये भी पढ़ें- अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक, अब इस केंद्रीय मंत्री को बनाया यूपी लोकसभा चुनाव प्रभारी, इन्हें भी दी बहुत बड़ी जिम्मेदारी
यह था विवाद- लखनऊ में विधानसभा के सामने आज जहां पर लोक भवन बना है, वहां पहले पंडित गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा लगी थी। वह प्रतिमा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक की लाट के ऊपर लगी थी जिससे काफी विवाद पैदा हो गया था और इसे राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान भी बताया गया था। उस वक्त यह भी नहीं पता चल पाया था कि आखिरकार प्रतिमा किस विभाग की तरफ से लगाई गई थी। बाद में जब लोकभवन बनाया गया तो प्रतिमा के चबूतरे को बदल दिया गया जिसमें अशोक की लाट बनी हुई थी। इससे विवाद शांत हो सके। इस बार ऐसे किसी भी विवाद से बचने के लिए शासन-प्रशासन पहले से ही सारी चीजें दुरुस्त करना चाहता है जिससे स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगने में कोई परेशानी न हो।