एक हिंदी अखबार के खबर के मुताबिक ट्रेनिंग कैंप के दौरान कार्यकर्ताओं को बताया गया कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) को सेक्युलर बताने पर लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को बीजेपी के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। जानकारी हो कि लालकृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान के व्यापक दौरे के दौरान जिन्ना के मज़ार पर गए और उन्होंने क़ायदे आज़म को धर्मनिरपेक्ष बताया था।
आडवाणी ने पाकिस्तान जाकर जिन्ना को सेक्युलर बताया था। जिन्ना की मजार पर जाकर आडवाणी ने उन्हें ‘सेक्युलर’ और ‘हिंदू मुस्लिम एकता का दूत’ करार दिया था। अखबार ने उत्तर प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष जे पी राठौड़ से बात की है। राठौड़ ने बताया कि कोई भी व्यक्ति, नेता या कार्यकर्ता पार्टी और संघ की विचारधारा से ऊपर नहीं है। उन्होंने बताया कि यही बात पार्टी काडर को बताई गई है। उन्हें बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के उदाहरण दिए गए हैं जिसमें आडवाणी जी भी शामिल हैं जिन्हें पार्टी विचारधारा से अलग बयान देने पर अध्यक्ष पद खोना पड़ा था।
हालांकि आडवाणी को 2009 के आम चुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन आडवाणी अपने पुराने रंग में कभी नहीं लौट पाए। इससे पहले तक आडवाणी को कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी नेता के तौर पर जाना जाता था। लेकिन जिन्ना प्रकरण के बाद उनकी छवि ऐसी बिगड़ी कि अपने राजनीतिक जीवन में वे फिर कभी उबर नहीं पाए।