
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. UP Politics- हाल ही में कांग्रेस (Congress) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) को विधान परिषद सदस्य (MLC) बनाकर योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) में शामिल करने की चर्चा है। लेकिन, जितिन के लिए यह राह इतनी आसान नहीं है। बीजेपी में इसे लेकर असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जितिन प्रसाद को इतना बड़ा इनाम देने पर भाजपा में गुटबाजी बढ़ सकती है।
जितिन प्रसाद क्यों?
जातिगत समीकरण ठीक करने के लिए बीजेपी (BJP) ने जितिन प्रसाद को अगले चुनाव में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकती है। प्रदेश में ब्राह्मण वोटरों की संख्या 12 फीसदी है। जितिन का मनोनयन कर योगी सरकार पर लग रहे जाति विशेष के दाग को धोने की कोशिश होगी।
तुरुप का पत्ता साबित होंगे जितिन?
यूपी विधानसभा चुनाव (uttar pradesh assembly elections 2022) में जितिन प्रसाद क्या बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता साबित होंगे? इस सवाल पर लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ ऐसा मानते हैं, लेकिन ज्यादातर यह नहीं मानते कि ब्राह्मण वोटर उनके साथ हैं। पत्रिका उत्तर प्रदेश ने भी सोशल मीडिया पर पोल के लोगों से पूछा कि क्या जितिन प्रसाद बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता साबित होंगे? 74.4 फीसदी लोगों ने का जवाब था 'नहीं' जबकि 25.6 फीसदी लोगों ने माना कि जितिन बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
सियासी डगर
यूपीए सरकार में जितिन प्रसाद कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। लेकिन, वर्ष 2014 और 2019 में जितिन अपनी पारंपरिक धौरहरा सीट से लोकसभा चुनाव हार गए। 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में वह तिलहर से बीजेपी के रोशन लाल वर्मा के हाथों पराजित हुए थे।
Updated on:
12 Jun 2021 05:04 pm
Published on:
12 Jun 2021 05:01 pm
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