
विवादित स्थल से सटी जमीन पर राम मंदिर बनाएगी भाजपा! हाईकमान ने खामोशी से बनाया यह धमाकेदार प्लान
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दावा है कि इस दीपावली पर राम भक्तों को अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। बयान के बाद कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है कि आखिर सीएम योगी का इशारा किस ओर है? इस बीच अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा के निर्माण की बात कही जा रही है, जिसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्रतिमा होने का गौरव हासिल होगा। सूत्रों की मानें तो सरकार गुपचुप तरीके से अयोध्या के लिए एक और रणनीति पर खामोशी से काम कर रही है।
सूत्रों की मानें तो इस दिवाली पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। वह भी विवादित ढांचे से सटी जमीन पर जो सम्पूर्ण मंदिर परिसर का मात्र 10 फीसदी भू-भाग होगा। विवादित स्थल का मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए विवादित भूमि को छोड़ दिया जाएगा। मोदी सरकार के कार्यकाल में ही विशाल मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो जाएगा, सिर्फ गर्भगृह को छोड़कर। 2019 के लोकसभा चुनाव में सरकार इसी मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी कि अगर बीजेपी को एक और मौका मिला तो सरकार जनभावनों को देखते हुए विवादित भूखंड को मंदिर में शामिल कराने का कानून पास करा लेगी।
67 एकड़ की भूमि पर बनेगा मंदिर
शांति-व्यवस्था के उद्देश्य से पूर्ववर्ती नरसिम्हा राव की सरकार ने अयोध्या विवाद के समय विवादति ढांचे से सटी लगभग 67 एकड़ भूमि को अधिगृहीत कर लिया था। इसमें न्यास समिति की 45 एकड़ भूमि भी शामिल है। सूत्रों की मानें तो सरकार अब इसी जमीन पर कभी भी राम मंदिर निर्माण की घोषणा कर सकती है। इसके लिए भाजपा जहां खामोशी से मंथन कर रही है, वहीं विधि विशेषज्ञों से तमाम कानूनी पहलुओं पर परामर्श भी लिया जा रहा है।
Updated on:
05 Nov 2018 04:14 pm
Published on:
05 Nov 2018 04:12 pm
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