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2019 से पहले बीजेपी को जोर का झटका! लोकसभा चुनाव में हो सकता है बड़ा नुकसान

भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान भाजपा के लिये चिंताजनक तथ्य सामने आये हैं

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Jun 20, 2018

loksabha chunav 2019

2019 से पहले बीजेपी को जोर का झटका! लोकसभा चुनाव में हो सकता है बड़ा नुकसान

लखनऊ. लोकसभा चुनाव में करीब साल भर का वक्त है। सभी दल सियासी कील-कांटा दुरुस्त करने में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी भी लोकसभा चुनाव तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के सामने 2014 का इतिहास दोहराना बड़ी चुनौती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान भाजपा के लिये चिंताजनक तथ्य सामने आये हैं। इसमें भाजपा को बड़े नुकसान की बात कही जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समीक्षा बैठक में कहा गया है कि मोदी लहर में 2014 में चुनाव जीतने वाले कई सांसदों के प्रति जनता में गुस्सा है। इनमें उत्तर प्रदेश के सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसका असर आम चुनाव पर पड़ सकता है। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अकेले ही 282 सीटें जीत ली थीं। लेकिन इस बार यह संख्या 210-215 सीटों पर सिमट सकती है।

यूपी के इन सांसदों का कट सकता है टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी और आरएसएस की समीक्षा बैठक में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के करीब 25-30 ऐसे सांसद हैं, जिनसे जनता बहुत नाराज है। यहां से इन्हें फिर से इन्हें टिकट दिये जाने पर सीट हारने का खतरा है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट्स के आधार पर बीजेपी मौजूदा कई सांसदों के टिकट काट सकती है। इनमें वे सांसद भी शामिल हो सकते हैं, जिनके प्रति जनता में खासी नाराजगी है। जो अब अपने संसदीय क्षेत्र की जनता में विश्वास नहीं बना पाये हैं। इसके लिये मंथन भी शुरू हो गया है।

रिपोर्ट के बाद तय होगी फाइनल रणनीति
सूत्रों की मानें तो समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचा दी गई है। इस स्थिति से निपटने के लिये बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस भी सक्रिय हो गया है। इसलिये तय हुआ है कि 2019 से आरएसएस सभी संसदीय सीटों पर अपने पदाधिकारी तैनात करेगा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आम चुनाव में सीट वार रणनीति बनाई जाएगी।

जनता तक पहुंच बनाने में जुटे भाजपाई
आलाकमान से निर्देश के बाद भाजपाई सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिये जी-जान से जुट गये हैं। संगठन के दिग्गज पदाधिकारियों का मानना है कि भाजपाई जनता को सरकार की योजनाओं की सही से जानकारी दे पाये तो 2019 में भी कमल खिलने से कोई नहीं रोक पाएगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही संगठन में फेरबदल के जरिये भी भाजपा की कोशिश सामजिक, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण दुरुस्त करने की है।

मुरली-राजवीर के लगे 'लापता' पोस्टर
अब तक कानपुर सांसद मुरली मनोहर जोशी, एटा सांसद राजवीर सिंह और मथुरा सांसद हेमा मालिनी के संसदीय क्षेत्र में इनके लापता होने के पोस्टर लग चुके हैं। इन सभी पोस्टरों पर निवेदक का नाम जनता लिखा था। भाजपा ने इन पोस्टरों को विपक्ष की साजिश बताया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी और आरएसएस की समीक्षा बैठक में कई ऐसे बीजेपी सांसदों के नाम हैं, जिनके पोस्टर भले ही न लगे हों, लेकिन इनसे जनता खासी नाराज है।

संगठन मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी
बीजेपी ने मौजूदा पार्टी सांसदों का भविष्य तय करने की जिम्मेदारी राज्यों के संगठन मंत्रियों को सौंपी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अलग-अलग राज्यों के संगठन मंत्रियों को अपने-अपने राज्यों के सांसदों की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। उनसे यह भी कहा गया है कि वह कसौटी पर खरे न उतरने वाले सांसदों का नाम बतायें साथ ही उनका विकल्प भी सुझाएं। इन सांसदों को व्यवहार, क्षेत्र के विकास में रुचि, सांसद निधि का प्रयोग, संगठन के कामकाज में सहयोग और सोशल मीडिया पर सक्रियता जैसे मापदंडों पर कसा जाएगा।