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लखनऊ

कोविड-19 का साइड इफेक्ट, ठीक होने के बाद अब गलने लगीं हड्डियां जोड़ों में हो रहा जबरदस्त दर्द

कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने तो पूरे यूपी में कहर बरपा रखा था। पर जो दूसरी लहर में कोरोनावायरस के चंगुल से बच गए थे वो आजकल कोविड-19 के इलाज से हुए साइड इफेक्ट से परेशान हैं। कई मरीजों में स्टेरॉयड के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीज सतर्कता बरतते हुए घरों में ही बंद हो गए। कसरत और धूप का सेवन नहीं किया वो आजकल बेहद परेशान हैं।

लखनऊJan 31, 2022 / 01:02 pm

Sanjay Kumar Srivastava

कोविड-19 का साइड इफेक्ट, ठीक होने के बाद अब गलने लगीं हड्डियां जोड़ों में हो रहा जबरदस्त दर्द

कोविड-19 का साइड इफेक्ट, ठीक होने के बाद अब गलने लगीं हड्डियां जोड़ों में हो रहा जबरदस्त दर्द

यूपी में कोरोना वायरस की तीसरी लहर चल रही है। कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने तो पूरे यूपी में कहर बरपा रखा था। पर जो दूसरी लहर में कोरोनावायरस के चंगुल से बच गए थे वो आजकल कोविड-19 के इलाज से हुए साइड इफेक्ट से परेशान हैं। कोरोना की दूसरी लहर में अधिकतर गंभीर मरीजों को स्टेरॉयड दी गई थी। कई मरीजों में स्टेरॉयड के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। कोरोनावायरस से ठीक हुए मरीज सतर्कता बरतते हुए घरों में ही बंद हो गए। कसरत और धूप का सेवन नहीं किया वो आजकल बेहद परेशान हैं। बताया जा रहा है कि इस वजह से जोड़ों की मांसपेशियों में रक्त का संचार ज्यादा नहीं हो सका। बहुत से लोगों के जोड़ों में जबरदस्त दर्द हो रहा है। 40 फीसदी की हड्डियां गलने लगीं है।
हड्डियां गलने लगी

कोरोना की दूसरी लहर में अधिकतर गंभीर मरीजों को इलाज के लिए स्टेरॉयड दी गई थी। जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। बहुत से मरीज ठीक होने के बाद होने न तो एक्सरसाइज की न ही दूर तक वॉक किया। और न ही योग आदि में अपना हाथ अजमाया। ऐसे लोगों के जोड़ों की मांसपेशियों में रक्त का संचार ज्यादा नहीं हो सका। धूप में न बैठने की वजह से विटामिन डी की इनमें भारी कमी हो गई। विटामिन डी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। ऐसे लोगों की हड्डियां गलनी शुरू हो गई हैं।
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झांसी मेडिकल कॉलेज का एक अध्ययन

झांसी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के डॉ. अमित सहगल ने एक अध्ययन किया, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि एक हजार मरीजों पर अध्ययन से पता चला कि लगभग 400 लोगों को हड्डियों के गलने, थकान, जोड़ों में दर्द, शारीरिक दर्द की शिकायत हुई है। इसमें नौजवान भी शामिल हैं, जिन्होंने कोरोना के चलते ज्यादातर काम वर्क फ्रॉम होम में ही किया। इस कारण उनका घरों से बाहर निकलना कम हुआ।
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व्यायाम, मेडिटेशन शीघ्र शुरू करें – डॉ. अमित सहगल

डॉ. अमित सहगल ने कहाकि, कोविड-19 से ठीक हुए लोगों को तुरंत ही योग, व्यायाम, मेडिटेशन, अच्छा पोषक आहार शुरू कर देना चाहिए। साथ ही दिन में छह से आठ ग्लास पानी पीना चाहिए।
मांसपेशियों में अचानक शुरू होता है दर्द

डॉक्टर डॉ. अमित सहगल का कहना है कि, मांसपेशियों में दर्द की शुरूआत अचानक होती है और शरीर में तेजी से बढ़ती है। ऐसे में शरीर में सूजन, नसों में दर्द, जोड़ों में दर्द जैसी तमाम समस्याएं हो सकती हैं। दर्द और सूजन का एक साथ शरीर में होना बेहद संवेदनशील हो सकता है। मरीज कोरोना से जंग जीतने के बाद भी थका-थका महसूस करता है। स्पष्ट है कि ये सिंड्रोम व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
स्टेरॉयड की हाई डोज से हुआ नुकसान

झांसी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सहगल ने कोविड-19 से ठीक हुए लोगों के बारे में कहाकि, कोरोना संक्रमित होने के दौरान स्टेरॉयड की हाई डोज चली हैं। ठीक होने के बाद इनका चलना-फिरना, धूप में बैठना कम होना इसकी बड़ी वजह है।

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