कोरोना मरीजों में ब्रेन फॉग की नई मुसीबत, तेज हो रही भूलने की बीमारी, क्लॉटिंग से नसों में हो रहा नुकसान
कोरोना संक्रमित मरीजों में एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। नाम है 'ब्रेन फॉग'। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के सोचने, समझने की क्षमता प्रभावित होती है।

कानपुर. कोरोना संक्रमित मरीजों में एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। नाम है 'ब्रेन फॉग'। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के सोचने, समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इंसान अक्सर छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है। इसका इलाज बड़ा जटिल है और यह संक्रमित हो चुके मरीजों में तेजी से पनप रहा है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग इससे प्रभावित हो रहे हैं। कानपुर में ही ऐसे चार मरीजों का इलाज हो रहा है।
कमजोर होने लगती हैं ब्रेन की नसें
मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी हेड प्रो. आलोक वर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस नसों में खून के थक्के बना देता है। उससे यह दिक्कत हो सकती है। लम्बे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों की ब्रेन की नसें भी कमजोर होने लगती हैं। इससे न्यूरो की समस्या पैदा होती है। इसे ब्रेन फॉग के लक्षण कहते हैं। ब्रेन फॉग के लक्षण आने पर समय से इलाज हो तो महीने दो महीने में इलाज संभव है। डाक्टर कहते हैं कि ऐसी स्थिति में तुरंत न्यूरोफिजीशियन को दिखाना चाहिए।
मरीजों में दिखने वाले लक्षण
- याददाश्त कमजोर होना
- फोकस कम रहना, कंफ्यूज रहना
- सिर में हलके दर्द की शिकायत
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