
Brother Sister
लखनऊ. यूपी में पीड़ितों की मदद के लिए पुलिस कितनी तत्पर है इसका उदाहरण एक वायरल वीडियो में देखने को मिला है। वीडियो में भाई-बहन खून से लथपथ हैं और पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं। आपसी रंजिश में इन दो भाई-बहनों की इस कदर पिटाई की गई है कि यह खड़े होने की स्थिति में नहीं हैं। घायल भाई किसी तरह अपनी बेहोश बहन को थाने लाकर रिपोर्ट लिखाने की गुहार लगा रहा है। लेकिन पुलिस का वहीं पुराना रवैया यहां देखने को मिल रहा है। भाई कहता सुनाई दे रहा है कि क्या हमारी यहां कोई सुनवाई नहीं होगी सर? इस पर पुलिसवाले कह रहा है कि यहां तुम्हारा मेडिकल हो जाएगा। भाई कह रहा है कि हमारी रिपोर्ट लिखो तो पुलिस वाला कहता सुनाई पड़ रहा है कि रिपोर्ट तो लिखकर लानी पड़ेगी। वीडियो में बहन की हालत बेहद गंभीर दिख रही है। सर से खून निकल रहा है, वह बार-बार बेहोश हो रही। वह ठीक से खड़ी तक नहीं हो पा रह रही है। यह सब देख कर पुलिस का दिल नहीं पसीज रहा। मेडिकल उपचार कराने की बजाए वह अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
यह है मामला-
मामला इटौंजा के महिगवां इलाके के नरौसा गांव का हैं जहां सोमवार रात दो पक्ष के बीच हुई मारपीट में भाई शाहरुख व उसकी बहन शबनम घायल हो गए थे। रात को ही शाहरुख खून से लथपथ अपनी बहन शबनम को लेकर महिगवां चौकी पहुंचे जहां इनकी मुलाकात सिपाही राहुल मिला। जिसने संवेदनहीनता का उदाहरण पेश किया।
एसएसपी ने लगाई फटकार-
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सिपाही राहुल को लाइन हाजिर कर दिया, साथ ही इंस्पेक्टर महेश चंद्र व महिगवां चौकी इंचार्ज अमर बहादुर को फटकार लगाई। उन्होंने थाने-चौकी पर आने वाले पीड़ितों और आगंतुकों से अच्छा व्यवहार करने के निर्देश दिए।
आरोपियों का पकड़ा गया-
एसएसपी की फटकार के बाद सिपाही को तत्काल लाइन हाजिर किया गया व शाहरुख की तरफ से केस दर्ज करने का आदेश दिया। शाहरुख ने इस्माल, यूनुस, शकील और उस्मान के खिलाफ जानलेवा हमले, मारपीट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। चारों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया जबकि घायल शबनम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डेढ़ घंटे तक लगाते रहे पुलिस के चक्कर-
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि घायल भाई-बहन ने कार्रवाई की मांग की। सिपाही ने उनकी गंभीर हालत को देखने के बाद भी उपचार मुहैया कराने के बजाए थाने जाकर रिपोर्ट लिखाने की बात कहते हुए उनसे पल्ला झाड़ लिया। पीड़ितों का कहना है कि वह करीब डेढ़ घंटे तक चौकी से थाने के बीच चक्कर काटते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
Published on:
26 Jun 2019 07:23 pm
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