26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती ने चला बड़ा मास्टर स्ट्रोक, इस बड़े नेता को पार्टी में दिया अहम पद, यह वजह आई सामने

लोकसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पार्टी को रिवाइव करने में जुट गई है। बुधवार को पार्टी में किए गए बड़े बदलाव से इसके संकेत साफ दिखते हैं।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Aug 07, 2019

Mayawati

Mayawati

लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election) के बाद बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) पार्टी को ट्रैक पर लाने में जुट गई है। बुधवार को पार्टी में किए गए बड़े बदलाव से इसके संकेत साफ दिखते हैं। लोकसभा चुनाव में शुन्य से 10 सीटों तक का सफर तय करने के बाद मायावती का आत्मविश्वास वापस लौटा है। जातीय समीकरण पर भी वह बारीकी से ध्यान दे रही हैं। और इस बार उनका ध्यान मुस्लिम वोटर्स पर है, जो अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के बाद केंद्र व उन दलों से, जिन्होंने इस फैसला का स्वागत किया है, उससे कटता जा रहा है। मायावती ने आज पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली (Munkad Ali) को बसपा का यूपी अध्यक्ष बनाकर इस ओर संकेत दिया है कि वह अब मुस्लिमों को अपनी पाले में लेंगी।

ये भी पढ़ें- बसपा में हुआ बड़ा फेरबदल, मायावती ने मुनकाद अली को बनाया नया प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय महासचिव, संसदीय दल का नेता भी बदला

बसपा के समर्थन से मुस्लिम नाखुश-
बहुजन समाज पार्टी ने अनुच्छेद 370 हटाने व जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है। वहीं समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ खड़ी है। दूसरी बात, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद मायावती ने सपा पर आरोप लगाया था कि सपा से जुड़े मुस्लिम वोटर्स ने हमारी पार्टी को वोट नहीं किया, जिसके चलते बसपा प्रत्याशियों को वोट नहीं मिला और पार्टी कम सीटें जीतीं (वैसे लोकसभा चुनाव में उनके तीन मुस्लिम प्रत्याशी- कुंवर दानिश अली, हाजी फजलुर्रहमान, अफजल अंसारी - विजयी रहे थे)। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इन दोनों बातों के बाद मायावती से मुस्लिम वोटर और दूर जा रहा है। इसकी भरपाई के लिए पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी एक मुस्लिम नेता को दी गई है।

ये भी पढ़ें- अनुच्छेद 370 हटने के बाद कांग्रेस को तगड़ा झटका, कांग्रेस महासचिव ने दिया इस्तीफा, की बहुत बड़ी घोषणा

उपचुनाव है नजदीक-
मायावती ने पार्टी में फेरबदल कर उपचुनाव से पहले जातीय गणित को फिट किया है। बसपा अभी तक भारतीय जाति व्यवस्था के अन्तर्गत सबसे नीचे माने जाने वाले बहुजन, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक शामिल हैं, पर ही चुनाव लड़ती रही है। अब वह इनके अतिरिक्त मुस्लिम वोटर को भी अपनी ओर खींचना चाहती हैं।