
मायावती ने मिशन मोड में शुरू किया काम, जिला स्तर पर बुलाई बैठक
लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी की दलितों को लुभाने की मुहिम की काट के लिए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मिशन मोड में काम शुरू कर दिया है। दलितों की पैठ बढ़ाने और मजबूत पकड़ के लिए बसपा ने भाईचारा कमेटियों के जरिये सर्वसमाज में विस्तार की रणनीति बनाई है। मायावती का मानना है कि सर्वसमाज को जोड़ने में भाईचारा कमेटियों ने जरूरी भूमिका अदा की थी। इसके लिए रविवार से जिला स्तर पर बसपा ने बैठक बुलाना शुरू किया।
2022 विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव का इतिहास न दोहराने और दलितों का ज्यादा से ज्यादा वोट बैंक हासिल करने के लिए बसपा विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से रणनीति बना रही है। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीधी टक्कर बसपा से है, जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।
50 प्रतिशत से अधिक आबादी वाले गांव प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में
चुनावी नतीजों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने दलितों को साधना शुरू कर दिया है। 50 प्रतिशत से अधिक एससी आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत लाकर उनके सवांर्गीण विकास का फैसला सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। ये योजना यूपीए सरकार ने 2009-10 में शुरू की थी। अब भाजपा सरकार 724 ऐसे गांवों में यह योजना लागू करने की योजना बना रही है, जो दलित बहुल हैं।
क्या है भाईचारा कमेटी
बसपा सर्वसमाज को जोड़ने के लिए भाईचारा कमेटियों को 2007 की तरह मजबूती देने में है। सर्वसमाज को जोड़ने के लिए 2007 में भाईचारा कमेटी की शुरुआत की गई थी। इसी रणनीति से बसपा अपने बलबूते सत्ता में आई थी। इसी को दोहराते हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा भाईचारा कमेटियों के जरिये सर्वसमाज को जोड़ने का काम करेगी। इसके लिए हर 10 बूथ पर सेक्टर संगठन बनाया गया है। वहीं हर विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार से अधिक मतदाता वाले हर जाति की भाईचारा कमेटी होगी।
Updated on:
16 Jun 2019 11:43 am
Published on:
16 Jun 2019 11:38 am
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