
Call Recording Apps Audio listening Third Party Survey in India
यदि ऐप भी फोन कॉल कर किसी से अपनी खास बातें सांझा करते हैं तो सतर्क हो जाइए। दरअसल, भारत में आधे से ज्यादा लोगों को उस तरह के विज्ञापन दिखते हैं, जिसका जिक्र उन्होंने फोन कॉल पर किया हो। ये हम नहीं बल्कि इस बात का दावा हाल ही में हुए एक सर्वे में किया गया है। यह सर्वे सोशल मीडिय प्लेटफॉर्म लेलकर ने किया है। इसके मुताबिक 53 फीसदी ने माना है कि उन्हे वेब और ऐप की तरह के विज्ञापन दिखे, जिसका जिक्र उन्होंने फोन पर किया हो। एक सर्वे के तहत इसका खुलासा हुआ। बड़ी संख्या में लोगों ने सहमति जाहिर की, उनको भी ऐसा महसूस होता है कि फोन पर की गई बातों का विज्ञापन देखने को मिलता है।
सर्वे में हुआ खुलासा
जिन लोगों को ऐसा अनुभव हुआ है, उनमें से 28 फीसदी ने कहा कि यह अक्सर होता है, 19 फीसदी ने कहा कि यह कई बार हुआ और 6 प्रतिशत ने कहा कि यह केवल कुछ ही बार हुआ है। केवल 24 फीसद लोगों ने दावा किया कि ऐसा कभी नहीं हुआ, जबकि 23 फीसदी के पास कोई जवाब नहीं थी। लोकल सर्किल के संस्थापक सचिन टापरिया ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने निजी फोन पर बातचीत के बाद इससे जुड़े विज्ञापनों को देखने का मुद्दा उठा रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक है। कहना है कि ऐसे तरीकों की समीक्षा की जानी चाहिए।
लोगों की क्या है गलती
सर्वे में ऐसा पाया गया है कि अधिकतर भारतीय यूजर्स थर्ड पार्टी ऑडियों रिकॉर्डिंग ऐप्स वीडियो-ऑडियो कॉलिंग ऐप्स और सोशल मीडिया ऐप्स को अपने फोन के माइक का एक्सेस दिए रहते हैं। लगभग 84 प्रतिशत स्मार्टफोन यूजर्स ने व्हाट्सएप को अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट, 51 फीसदी ने फेसबुक या इंस्टाग्राम और 41 फीसदी ने ट्रूकॉलर जैसे कॉलर आईडी ऐप्स को एक्सेस दिए रहने की बात स्वीकार की है। फोन कॉल पर कोई खास बात करने से पहले सतर्क रहने की जरूरत है।
Updated on:
29 May 2022 02:55 pm
Published on:
29 May 2022 02:54 pm
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