6 दिसंबर 1992 में हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर विवादित ढांचा ढहा दिया था। इसके बाद देश भर में सांप्रदायिक दंगे हुए। मामले में सीबीआई ने कोर्ट से लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलने की मांग की थी। मामले की सुनवाई करते हुए हुए न्यायाधीश नरीमन ने कहा था कि इस मामले के कई आरोपी पहले ही मर चुके हैं। और देरी हुई तो कुछ और कम हो जाएंगे।
लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपतराय बंसल, साध्वी ऋतंभरा, राम विलास वेदांती, पूर्व विधायक जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा प्रेम, नृत्य गोपाल दास, धर्मदास और विष्णु हरि डालमिया।
इनके भी थे नाम (अब दुनिया में नहीं रहे)
बाल ठाकरे, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस रामचंद्र दास, सतीश नागर, कानपुर, मोरेश्वर सावे।