
oxygen
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ Patrika Positive News : ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर यूपी मॉडल पूरे देश को भा गया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यूपी की तर्ज पर ऑक्सीजन कंटेनर्स, टैंकर्स और अन्य वाहनों के जीपीएस से लैस करने का आदेश दे दिए हैं ताकि ऑक्सीजन सप्लाई Oxygen supply की हर समय निगरानी हो सके। अन्य कई राज्यों ने भी इस मॉडल को अपना लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ने पर आपूर्ति में हो रहे विलम्ब से बचने के लिए आदेश दिया था ऑक्सीजन की ढुलाई कर रहे सभी वाहनों को जीपीएस से लैस कर दिया जाए। इसके लिए उन्होंने ऑक्सीजन मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर यूपी नाम से डिजीटल प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया था। यह प्लेटफॉर्म प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, परिवहन और गृह विभाग के सहयोग से तैयार किया। इसके लिए वेब पोर्टल लिंक तैयार किया गया जिससे ऑक्सीजन सप्लाई चेन से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को जोड़ा गया ताकि ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे रियल टाइम लोकेशन पता की जा सके।
इस तकनीकी के जरिए ऑक्सीजन आपूर्ति में लगे वाहनों की ऑनलाइन उपस्थिति को ट्रैक करते हुए समय पर आवश्यकतानुसार नजदीकी अस्पताल के लिए रवाना किया जाने लगा। इससे एक ओर संबंधित अस्पताल में ऑक्सीजन की मांग समय से पूरी हुई और संबंधित वाहन के पहुंचने में लगने वाले समय की भी बचत हुई। इन प्रयासों से प्रदेश में रोजाना आमतौर पर 350 मीट्रिक टन होने वाली ऑक्सीजन आपूर्ति बढ़कर 1050 मीट्रिक टन हो गई। अब इसी मॉडल को केंद्र ने भी लागू कर दिया है।
अन्य राज्यों में भी लागू हुआ यूपी मॉडल
केंद्र Central government implemented के बाद देश के कई राज्यों में यूपी मॉडल को लागू किया गया। मुख्य रूप से बिहार, पंजाब, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र Maharastra ने इसे तेजी से लागू किया। उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन ट्रैकिंग सिस्टम को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। कंसल्टेंट मनीष त्यागी के अनुसार बिहार Bihar में भी इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है। अब मध्य प्रदेश madhya pradesh में इस सिस्टम को लागू करने की योजना पर काम चल रहा है।
विशेष कंट्रोल रूम से हाे रही निगरानी
इस मॉडल को लागू करने के बाद गृह विभाग में एक विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में लगे वाहनों की लगातार निगरानी की जा रही है। इसमें गृह विभाग को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और परिवहन विभाग भी सहयोग कर रहा है। इन विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी विशेष नियंत्रण कक्ष में कार्यरत हैं।
Updated on:
13 May 2021 11:12 pm
Published on:
13 May 2021 10:28 pm
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