
सुकन्या समृद्धि योजना में है खाता तो जान लें ये बात, हुए हैं पांच बदलाव
लखनऊ. केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना बहुत ही प्रचलित है। उत्तर प्रदेश में कई लोगों ने इस स्कीम का लाभ लिया है। बेटियों के लिए शुरू की गई इस योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके कुछ नियमों को हटाया गया है। तो, वहीं उनकी जगह नए नियम लाए गए हैं। ये नियम अधिसूचित हो चुके हैं।
योजना में जो बदलाव किए गए हैं वह कोई बड़े बदलाव नहीं हैं। योजना के नियम के अनुसार, योजना में हर साल कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है। अगर यह रकम भी जमा नहीं की जाती है तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाएगा। नए नियमों के अनुसार, अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक डिफॉल्ट अकाउंट पर स्कीम के लिए लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा। पुराने नियमों के अनुसार, ऐसे डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था। सुकन्या समृद्धि खाते के मुकाबले डाक घर बचत खातों की ब्याज दर बहुत कम है। जहां अभी डाक घर बचत खातों की ब्याज दर चार फीसदी है।
दो बेटियों से ज्यादा के मामले में खाता खोलने का नियम
योजना के तहत दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है। नए नियमों के अनुसार, अगर दो से ज्यादा बेटियों का खाता खुलना है तो जन्म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना पड़ेगा। पुराने नियमों में अभिभावक को केवल मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत पड़ती थी। इसी तरह खाता ऑपरेट नियम में भी बदलाव किया गया है। नए नियमों के अनुसार, जब तक बेटी 18 साल की नहीं हो जाती है तब तक उसे खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
कर सकते हैं समय से पहले खाता बंद
योजना के नए नियमों के अनुसार, बेटी की मौत की स्थिति में या अनुकंपा के आधार पर सुकन्या समृद्धि खाते को समय से पहले बंद करने की इजाजत दी गई है। जबकि पुराने नियमों के अनुसार, खाते को दो स्थितियों में बंद किया जा सकता था। पहला, बेटी की मौत और दूसरा, उसके रहने का पता बदलने की स्थिति में यह संभव था। योजना में एक अन्य बदलाव के तहत नए नियमों में खाते में गलत इंटरेस्ट डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इसके अलावा नए नियमों के तहत खाते में ब्याज वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा।
Published on:
12 Dec 2020 05:39 pm
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