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दिवाली पर लंबी-लंबी चटाई दगाने के हैं शौकीन, तो पहले पढ़ लें यह जरूरी खबर, नहीं तो बहुत पछताएंगे

दीपावली पर अगर आप लंबी-लंबी चटाई जैसे लगातार दगने वाले पटाखों के शैकीन हैं, तो यह खबर आपको निराश कर सकती है...

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Nov 04, 2018

Chatai crackers ban in diwali 2018

दिवाली पर लंबी-लंबी चटाई दगाने के हैं शौकीन, तो पहले पढ़ लें यह जरूरी खबर, नहीं तो बहुत पछताएंगे

लखनऊ. दीपावली पर अगर आप लंबी-लंबी चटाई जैसे लगातार दगने वाले पटाखों के शैकीन हैं, तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। क्योंकि पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी दीपावली में होने वाली आतिशबाजी को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश सरकार ने चटाई जैसे जुड़े हुए श्रृंखलाबद्ध पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। योगी सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। शासनादेश में सरकार ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री बंद किए जाने के साथ ही कई दूसरे कड़े निर्देश भी दिए। सीएम योगी ने पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी कड़ाई से पालन कराये जाने के आदेश दिए हैं।

जारी हुए निर्देश

दीपावली पर प्रदूषण के साथ ही सुरक्षा के लिहाज से पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को लेकर विस्तृत निर्देश जारी किए जाने के साथ ही डीएम, एसएसपी और एसपी को उनका कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के लिए कहा गया है। ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 के अनुसार अस्पताल, नर्सिग होम, प्राथमिक और जिला हेल्थ केयर सेंटर, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थल के साथ ही दूसरे घोषित साइलेंस जोन के 100 मीटर की परिधि के अंदर पटाखे न फोड़े जाएं।

होगी कड़ी कार्रवाई

वहीं इस मामले में सचिव गृह भगवान स्वरूप ने बताया कि इस बार दीपावली में कम प्रदूषण करने वाले और ग्रीन क्रैकर्स की ही बिक्री होगी। इसके अलावा सभा तरह के पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। डीएम, एसएसपी और एसपी को विस्फोटक अधिनियम के तहत चेकिंग और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पटाखों की बिक्री तय नियमों के तहत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।


इन पटाखों पर रोक

इस बाद दीपावली में जिनपर पूरी तरह से रोक होगी उनमें ऐसे पटाखे शामिल हैं जिनमें एंटीमनी, लीथियम, मरकरी, आर्सेनिक, लेड के कंपाउंड, स्ट्रांसियम क्रोमेट या बेरियम सॉल्ट का प्रयोग किया गया हो।

दिए गए यह आदेश

इसके अलावा शासन से सभी जिलों को आदेश दिए गए हैं कि सभी डीआइओएस, बीएसए और निजी स्कूलों में बच्चों को पटाखों से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक किया जाए। पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लिखित रूप से देकर उसके अनुपालन के निर्देश दिए जाएं। इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, बड़े निजी अस्पताल, सीएमओ और सीएमएस भी पटाखों से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरुक करें।