22 की उम्र में छोड़ा था घर गढ़वाल विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रैजुएशन की। 22 साल की उम्र में उन्होंने परिवार छोड़ दिया और गोरखपुर चले आए। यहां उन्होंने सन्यास ले लिया और तब उन्हें नया नाम मिला- योगी आदित्यनाथ। गोरखधाम पीठ के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। सितंबर 2014 में महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद योगी को महंत घोषित किया गया। माना जाता है कि योगी पूर्वी यूपी में अच्छा प्रभाव रखते हैं।
योगी अादित्यनाथ सबसे कम उम्र बने सांसद 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल की थी। हिंदू युवा वाहिनी का गठन करने वाले योगी ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दिया था। वो कई बार विवादित बयान देने के मामले में चर्चा में आ चुके है। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमें बी दर्ज हुए।
नई कारों का रखते हैं शौक अपने एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने अपनी पंसद का जिक्र करते हुए कहा था कि उनको कार का बड़ा शौक है। नई- नई कार देख वे काफी प्रभावित होते हैं। 2004 में योगी के पास एक क्वालिस, एक टाटा सफारी और एक मारुति एस्टीम कार थी। 2009 में उन्होंने अपनी कारें बदलीं। उन्होंने एस्टीम और क्वालिस को हटाकर अपने गैरेज में एक नई सफारी और एक फोर्ड आइकॉन को शुमार किया।