
माफिया से माननीय बने यह बाहुबली बनाते और बिगाड़ते थे यूपी की सरकार, सीएम योगी ने पैरों के नीचे से खिसका दी जमीन
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में सरकार बनाने और बिगाड़ने में शामिल रहने वाले माफिया से माननीय बने बाहुबलियों के पैरों के नीचे से पिछले छह महीने के अंदर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने जमीन खिसका दी है। खासतौर से पूर्वांचल के बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और अतीक अहमद (Atiq Ahmed) जैसे बाहुबलियों पर लगातार कार्रवाई की जा रहीं हैं। इन माफिया समेत यूपी के तीन माननीयों की 350 करोड़ की संपत्तियां कुर्क और जब्त की जा चुकी है। इसके अलावा करोड़ों की संपत्तियां कार्रवाई की जद में हैं। वहीं यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहला आरोपपत्र दाखिल किया, तो उसकी अकूत संपत्तियों का पूरा काला चिट्ठा खुलकर सामने आ गया। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि प्रजापति और उनके परिवार के सदस्यों की 60 संपत्तियों और 50 से ज्यादा बैंक खातों के खिलाफ जब्ती की कार्रवाई की गई है। जब्त की गयी संपत्तियाों का बाजार मूल्य आज के समय में 57 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। वहीं इसके अलावा प्रदेश के करीब आधे दर्जन से अधिक पूर्व और वर्तमान विधायक व सांसद भी योगी सरकार के निशाने पर हैं।
मुख्तार की 192 करोड़ की संपत्ति जब्त
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया मुख्तार अंसारी के अभेद्य किले को ढहा दिया है और अब जड़ खोदने की तैयारी है। यही कारण है कि मुख्तार को यूपी आने में डर लग रहा था। माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ यूपी पुलिस ने ऐसी कड़ी कार्रवाई की है, जो अपने आप में मिसाल है। माफिया और उसके सहयोगियों के कब्जे से सरकारी जमीन खाली कराने, ध्वस्तीकरण, जब्त संपत्ति की कीमत करीब 192 करोड़ छह लाख 22 हजार रुपए है। 41 करोड़ की सालाना अवैध आय को बंद भी कराया है। पुलिस ने गिरोह के 96 सदस्यों की गिरफ्तार किया है और 75 अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही भी की है। 72 शस्त्र लाइसेंस निरस्त और निलंबित किए गए हैं। इसके अलावा सात सहयोगी ठेकेदारों (पीडब्ल्यूडी और कोयला) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शस्त्र लाईसेंस निलम्बित किया है और छह अन्य ठेकेदारों का चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त किया है। गुंडा एक्ट के तहत 12 अपराधियों को जिला बदर किया गया है।
अतीक की 100 करोड़ की प्रॉपर्टी कुर्क
माफिया अतीक अहमद के अवैध साम्राज्य पर भी योगी सरकार की कार्रवाई जारी है। बाहुबली अतीक अहमद जेल में बंद हैं, एक लाख रुपये का ईनामी छोटा भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम अशरफ भी पकड़ा जा चुका है और उनके गैंग के सदस्यों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई व धर-पकड़ जारी है। यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाईयां इस बात का संकेत हैं कि अतीक गैंग का भी जल्द ही खात्मा तय है। इसके लिये पुलिस सरगना अतीक और उसके गैंग की सम्पत्तियों पर कार्रवाई करने के साथ उनके असलहों के लाइसेंस कैंसिल कर उन्हें जब्त कर रही है और जेल भेजा जा रहा है। अतीक परिवार से अब केवल उनका बेटा उमर ही पुलिस की पकड़ से बाहर है, उस पर भी दो लाख रुपये का ईनाम है। अब तक अतीक से जुड़ी करीब 100 करोड़ रुपये की सम्पत्तियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
गायत्री की 57 करोड़ की संपत्ति जब्त
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान खनन विभाग का प्रभार संभालने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ ईडी कथित तौर पर आय से अधिक की संपत्ति के आरोपों की जांच कर रहा है। ईडी के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि अब तक कुल 57 बैंक खातों में 3.5 करोड़ रुपये और 33.45 करोड़ रुपये की 60 अचल संपत्तियां जब्त की गयी है। इन संपत्तियों का बाजार मूल्य आज के समय में 57 करोड़ रुपये से ज्यादा है। खनन घोटाले को लेकर बीते दिनों अपनी जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री प्रजापति के करीब सात ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान ईडी को सबसे अधिक बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले थे। छापेमारी में जो दस्तावेज मिले, उनसे एक बात साफ हुई कि प्रजापति की छह से ज्यादा शहरों में संपत्तियां हैं और सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाई गई थी। ईडी की छापामारी में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके परिवार के नाम से लखनऊ, अमेठी, सुल्तानपुर, कानपुर, सीतापुर, रायबरेली और मुंबई में करीब 38 करोड़ रुपये की संपत्तियां सामने आईं। इनमें कई संपत्तियां बेनामी भी हैं। इन सभी संपत्तियों की आज की कीमत करीब 57 करोड़ रुपये आंकी जा ही है।
Published on:
09 Apr 2021 03:20 pm
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