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लाखों रामभक्तों को खुश करने के लिए सीएम योगी ने चला बड़ा दांव, किया धमाकेदार ऐलान

लाखों राम भक्तों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दांव चला है...

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लखनऊ

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Hariom Dwivedi

Nov 25, 2018

cm yogi adityanath

लाखों रामभक्तों को खुश करने के लिए सीएम योगी ने चला बड़ा दांव, धर्मसभा के बीच किया धमाकेदार ऐलान

लखनऊ. लाखों राम भक्तों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दांव चला है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के आयोजन से चंद घंटों पहले मुख्यमंत्री ने भगवान राम की विशाल प्रतिमा लगाने को मंजूरी दे दी। अयोध्या में 221 मीटर ऊंची लगने वाली कांसे की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इस मूर्ति के साथ ही अत्याधुनिक म्युजियम भी स्थापित होगा, जिसमें अयोध्या और भगवान राम से जुड़ा पूरा इतिहास होगा। शनिवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्र के नीचे पूर्ण स्वरूप वाली धनुषधारी भगवान राम की प्रतिमा लगाये जाने पर सहमति दे दी।

दीपावली के ठीक पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या को खुशखबरी देने की बात कही गई थी। चर्चा थी यह खुशखबरी भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा होगी। लेकिन उस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो उस वक्त सीएम योगी ने अपना तुरुप का इक्का (राम की प्रतिमा) बचा लिया था। क्योंकि उन्हें पता था कि कुछ दिनों बाद ही अयोध्या में विहिप की धर्मसभा हो रही है, जिसमें बड़ी संख्या में राम भक्त इक्ट्ठा होंगे। उस वक्त दुनिया की सबसे विशालकाय भगवान राम की प्रतिमा का ऐलान राम भक्तों की नाराजगी कम कर सकता है।

आनन-फानन में सीएम ने देखा प्रजेंटेशन
मध्य प्रदेश के चुनावी दौरे से लौटे सीएम योगी ने अयोध्या में शिवसेना और विहिप के कार्यक्रम को देखते हुए शनिवार देर रात राम मूर्ति के लिए प्रजेंटेशन देखा। उस वक्त मशहूर मूर्तिकार रामसुतार भी मौजूद रहे। रामसुतार की ही देखरेख में गुजरात में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाई गई है, जिसे अब तक विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा (182 मीटर) होने का तमगा हासिल है।

ऐसी होगी भव्य प्रतिमा
अयोध्या में लगने वाली भगवान राम की इस प्रतिमा की कुल उंचाई 221 मीटर होगी। प्रतिमा 151 मीटर ऊंची होगी, जिस पर 20 मीटर ऊंचा छत्र होगा और 50 मीटर बेस/पैडस्टल होगा। पैडस्टल के अंदर ही भव्य व अत्याधुनिक म्युजियम स्थापित होगा। इसमें सप्तपुरियों में अयोध्या का इतिहास, इक्ष्वाकुवंश के इतिहास में राजा मनु से लेकर श्रीराम जन्मभूमि तक का इतिहास भी होगा।