24वें हुनर हाट का सीएम योगी ने किया उद्घाटन, वोकल फॉर लोकल पर आधारित है थीम
- 31 राज्यों के कारीगरों के हुनर को मिला मंच
- हुनर हाट के जरिए कारीगरों को मिलेगी विशिष्ट पहचान
- बिक्री के लिए होंगे एक से एक नायाब उत्पाद प्रदर्शन

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. राजधानी लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में शनिवार से हुनर हाट (Hunar Haat) का आयोजन शुरू हो गया है। यह आयोजन 4 फरवरी तक चलेगा। हुनर हाट सज-धजकर पूरी तरह तैयार है। देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के दस्तकारों, शिल्पकारों के उत्पादों से सुसज्जित 24 वें हुनर हाट का उद्घाटन शनिवार ( 23 जनवरी) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने किया। इस अवसर पर उनके साथ केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान वहां मौजूद हजारों हुनरमंद को संबोधित किया और कहा कि हम आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करेंगे। उत्तर प्रदेश के वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) ने भारत के परम्परागत उद्यम को दुनिया के विभिन्न देशों तक पहुंचाने का कार्य किया है। इस बार का हुनर हाट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें ओडीओपी को भी जोड़ने का कार्य किया गया है। यह परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में देश के शिल्पकार, दस्तकार, कारीगर अपने हुनर का लोहा मनवाने, नई पीढ़ी को इस मार्ग का अनुसरण करने एवं आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह हम सबके लिए अभिनंदनीय एवं स्वागत योग्य है। आज दुनिया में कहीं भी अगर प्रदर्शनी लगती है तो हुनर हाट से जुड़े बड़ी संख्या में कारीगर वहां प्रतिभाग करने जाते हैं। हम उन्हें हर प्रकार का प्रोत्साहन देते हैं। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, आगरा-कानपुर की लेदर कारीगरी ने जनपदों की विशिष्ट पहचान बनाई है। इनके कारीगरों को भी पहचान मिलनी चाहिए।
अन्य राज्यों के शिल्पकारों की भी होगी भागीदारी
उत्तर भारतीय शिल्पकारों के साथ ही दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के शिल्पकारों की भी यहां भागीदारी होगी। शिल्पकला और काश्तकारी को लेकर तेलंगाना और आंध्र के कई जिले अपनी राष्ट्रीय पहचान रखते हैं, जिन्हें हुनर हाट में परखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा दक्षिण के व्यंजनों का स्वाद भी नवाबों की नगरी लखनऊ के लोग चख पाएंगे। लखनऊ के हुनर हाट में आंध्र, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 500 हुनरमंद अपने उत्पादों के साथ पूरे समय तक मौजूद रहेंगे।
बिक्री के लिए होंगे एक से एक नायाब उत्पाद प्रदर्शन
लखनऊ के इस हुनर हाट में देश के दस्तकार/शिल्पकार अजरख, एप्लिक, आर्ट मैटल वेयर, बाग प्रिंट बाटिक, बनारसी साड़ी, बंधेज, बस्तर की जड़ी-बूटिया, स्लैक पॉटरी, ब्लॉक प्रिंट, बैत-बांस के उत्पाद, चिकनकारी, कॉपर बेल, ड्राई फ्लावर्स, खादी के उत्पाद, कोटा सिल्क, लाख की चूडियां, लेदर, पश्मीना शाल, रामपुरी वायलिन, लकड़ी एवं लोहे के खिलाने, काया एम्ब्रोइडरी, पीतल, क्रिस्टल ग्लास के आइटम, चन्दन की कलाकृतियों के स्वदेशी हस्तनिर्मित एक से एक नायाब उत्पाद प्रदर्शन एवं बिक्री के लिए होंगे। हुनर हाट में आने वाले लोग देश के पारम्परिक उत्पादों के साथ पारम्परिक लजीज पकवानों का लुत्फ भी उठाएंगे। हर दिन शाम के समय जाने-माने कलाकार आत्मनिर्भर भारत थीम पर गीत-संगीत के कार्यक्रम करेंगे।
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