ऐसे हुई घटना- घटना उस समय हुई जब हादसे के शिकार सभी श्रद्धालु अयोध्या में परिवार की एक बच्ची का मुंडन कराने आये थे| इसी दौरान पर्यटकों को घुमाने वाली नाव में बैठकर वह नदी में नौका विहार कर रहे थे| इसी बीच सरयू पुल के नीचे अचानक नाव तेज बहाव की चपेट में आ गई और बहकर पुल के खंबे से टकरा गई। इस घटना में खंबे से टकराने के बाद नाव तत्काल पलट गई और सभी नदी के पानी में डूब गए। घटना के बाद तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।हादसे का शिकार हुआ परिवार खलीलाबाद से अयोध्या बच्ची का मुंडन संस्कार में शामिल होने आए थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन में 7 लोगों को नदी के बाहर निकाल लिया गया है | करीब डेढ़ घंटे में रेस्क्यू आपरेशन पूरा किया जा सका | नदी से निकाले जाने के बाद बस्ती और खलीलाबाद से आये दो श्रद्धालुओं और एक नाविक की मौत की मौत की पुष्टि कर दी गयी है| जबकि नाव में सवार एक अन्य श्रद्धालु, दो नाविक और एक फोटोग्राफर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जिनका इलाज श्री राम अस्पताल में चल रहा है|
3 की हुई मौत- एसपी सिटी अनिल सिंह सिसोदिया ने बताया कि घटना के समय गांव में कुल 7 लोग सवार थे, जिनमें 3 श्रद्धालु पर्यटक, 3 नाविक और एक फोटोग्राफर शामिल था। इसमें मिंटू पुत्र मिश्रीलाल (30) की मौत हो गई, वहीं दो अन्य श्रद्धालुओं में मोनू पुत्र मेवालाल (20), निवासी खलीलाबाद और बहादुर (25) भी हादसे में मारे गए हैं। वही इस घटना में नाव में सवार अन्य लोगों में जोगिंदर पुत्र रामकरण (25) निवासी बस्ती और नाविक गुलाल रोहित और फोटोग्राफर छोटू पुत्र नवमी लाल निवासी अयोध्या को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद हादसे का शिकार हुई नाव को बाहर निकाल लिया गया है। हादसे के शिकार हुए लोगों का इलाज श्री राम चिकित्सालय में चल रहा है|
सीएम योगी ने दिए निर्देश, मुआवजे का किया ऐलान- सीएम योगी ने अयोध्या में सरयू नदी में नाव पलटने की दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं इस आपदा के मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने इसी के साथ अधिकारियों को नाव में सवार अन्य लोगों के बचाव के लिए युद्धस्तर पर कार्यवाही करने के लिए भी निर्देशित किया है। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है कि उनके जनपदों में संचालित नावों में किसी भी स्थिति में ओवरलोडिंग न होने पाए।